प्रयागराज: “युवाओं में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ रही है, उनमें साहित्य के लिए भी लगाव बढ़ा है. इसलिए अच्छा लिखने के लिए अच्छा पढ़ना और अच्छा बोलने के लिए अच्छा सुनना आवश्यक है.” अखिल भारतीय साहित्य परिषद के सह संगठन मंत्री मनोज कुमार ने यह बात इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मास कम्युनिकेशन और पत्रकारिता विभाग की ओर से आयोजित ‘हाऊ टू अनलाक पावर आफ लिटरेचर’ विषय पर आयोजित सेमिनार में कही. उन्होंने कहा कि बीते कुछ वक्त में देखा गया है कि हमारी आज की युवा पीढ़ी साहित्य की ओर आकर्षित हो रही है. यह अलग बात है कि इसकी पढ़ाई के माध्यम बदल गए हैं. आज डिजिटल बुक, आनलाइन रीडिंग और आडियो बुक जैसे नए माध्यम उभरे हैं, क्योंकि आधुनिक पीढ़ी नए माध्यमों के जरिए ही किताबें और साहित्य पढ़ रही है.
अपने वक्तव्य में कुमार ने इस बात को भी स्वीकार किया कि नए माध्यमों का इस्तेमाल युगानुकूल भी है. पढ़ना क्यों आवश्यक है? इसको लेकर कुमार ने कहा कि आत्म संतुष्टि, विचारों की अभिव्यक्ति और विषय को समृद्ध बनाने के लिए पढ़ना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि पढ़ाई में रुचि बनी रहे, इसके लिए आवश्यक है कि विभिन्न कार्यों, चर्चाओं, समीक्षा, पुस्तकों का विमोचन, डिबेट जैसे कार्यक्रमों में शामिल होना चाहिए. इससे विचारों को एक आकार मिलता है. इसके अलावा पढ़ने में रुचि बनाए रखने के लिए सबसे पहले पाठक को जिज्ञासा परक नावेल, कहानियां आदि पढ़ना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ऐसा साहित्य लिखा जाना चाहिए, जो युवाओं को बांध कर रख सके.