अंबेडकर नगर: उत्तर प्रदेश साहित्य सभा की मासिक काव्य गोष्ठी स्थानीय जिला मुख्यालय के पटेल नगर रोड स्थित गुरुकुल कोचिंग सेंटर केंद्र में आयोजित हुई. गोष्ठी की अध्यक्षता चिंतामणि निश्चिंत ने की और संचालन तारकेश्वर मिश्र ‘जिज्ञासु’ ने किया. काव्य-गोष्ठी का आरंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पूजन से हुआ. कवि निश्चिंत ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की. युवा कवि अवनीश दूबे ‘निनाद’ ने पढ़ा, ‘सारा आंगन महक उठा जब प्रिय तेरे कदम पड़े.’ योग प्रशिक्षक एवं कवि डाक्टर संतराम पांडेय ने पढ़ा, ‘नदियों की बात मत पूछो नालों से डर लगता है.’ भगवान दीन यादव मुनि ने पढ़ा, ‘दूसरे के अधिकार को कभी अपना ना समझें, आंख का कार्य जिह्वा से चाहोगे तो रहोगे सदैव उलझे.’ साहित्य सभा के जिला संयोजक कौशल सिंह ‘सूर्यवंशी’ ने पढ़ा, ‘हमारे गीत गजलों में सदा तुम ही साथ होते हो!’ उभरते कवि धीरेंद्र पांडेय ‘क्षणिक’ ने ‘हो रहा भयभीत क्यों तू डर तुझे क्या मृत्यु का. शक्तियां तुझमें निहित है तुझमें बल भी भीम सा है!’ सुना कर माहौल में उर्जा भर दी.
साहित्य सभा के जिलाध्यक्ष एवं संचालक तारकेश्वर मिश्र ‘जिज्ञासु’ ने पढ़ा, ‘सियासत से रिश्ता निभाओगे कब तक, झूठी तस्वीर यहां दिखाओगे कब तक! जोर ज़ुल्म से लड़ने का हुनर मालूम है हमको, मज़हब की आड़ में दंगे कराओगे कब तक!’ चिंतामणि तिवारी ‘निश्चिंत’ ने पढ़ा, ‘बेटवा हमार आरटीओ दलाल होइ गवा, कागज के जादूगर है नटवर लाल होइ गवा.’ नवोदित कवि हर्ष पाठक ने पढ़ा, ‘कुछ नहीं जाने वाला जग से कर्म तेरा ही जाएगा, दो घंटे रो धो कर दुनिया भूल तुझे भी जाएगा.’ अंत में प्रशिक्षण संस्थान के प्रबंधक अरुण प्रकाश उपाध्याय ने कविता एवं साहित्य को समाज की जरूरत बताते हुए ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन को देश एवं समाज के हित में बताया. साहित्य सभा अंबेडकर नगर एवं कवियों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया.