संबलपुर: ‘हम शब्दों के परिवर्तनकारी प्रभाव और उनके द्वारा हमारे जीवन में लाई गई असीमित संभावनाओं का आनंद लेते हैं. जब तक हमारी राहें अगली साहित्यिक यात्रा पर फिर से नहीं मिलतीं, आप प्रेरणा के पन्ने पलटते रहें.’ इसी वक्तव्य के साथ राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत द्वारा आयोजित नौ दिवसीय संबलपुर पुस्तक मेला बेहद उत्साह भरे माहौल में संपन्न हुआ. इस दौरान साहित्यिक यादों का ताना-बाना बुना गया और भविष्य के संस्करणों के लिए सामूहिक लालसा पैदा हुई. इस पुस्तक महोत्सव की शानदार सफलता ने हर साल इसी तरह की समृद्ध साहित्यिक सभाओं की मेजबानी करने की उत्कट इच्छा जगाई है. डेवलपमेंट फाउंडेशन ट्रस्ट की अध्यक्ष मृदुला प्रधान समापन सत्र की विशिष्ट अतिथि थीं. उन्होंने छात्रों को पुरस्कार भी प्रदान किए. पद्मश्री से सम्मानित बिनोद पसायत भी इस अवसर पर उपस्थित थे. इस दिन की शुरुआत एक रोमांचक सत्र से हुई, जिसमें बच्चों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और जीवंत माहौल में अपना उत्साह बढ़ाया. इसके बाद, एक इंटरैक्टिव आर्ट ऑफ कम्युनिकेशन सत्र हुआ, जिसमें बच्चों और उनके साथ आने वाले वयस्कों दोनों की रचनात्मक खुशी शामिल थी. उत्सव के दौरान ‘परीक्षा पे चर्चा: योद्धा बनें, चिंता करने वाले नहीं’ विषय पर केंद्रित ड्राइंग प्रतियोगिता में सभी बच्चों की उत्साहपूर्ण भागीदारी थी. पुरस्कारों और प्रमाणपत्रों के वितरण ने उत्सव की भावना को और बढ़ाया.

संबलपुर पुस्तक मेला के दौरान पिछले 9 दिनों में बड़ी संख्या में आगंतुकों, जिनमें युवा और वृद्ध सभी शामिल थे, ने पुस्तक स्टालों का दौरा किया, किताबें खरीदीं और साहित्यिक सत्रों में भाग लिया. इस बीच हजारों स्कूली बच्चों ने उनके लिए विशेष रूप से आयोजित गतिविधियों, कार्यशालाओं और प्रतियोगिताओं का भरपूर लाभ उठाया और सभी ने शाम को सांस्कृतिक उत्सव का आनंद लिया. प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी वीर सुरेंद्र साई के सेल्फी पॉइंट ने विभिन्न मशहूर हस्तियों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति के साथ-साथ बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित किया. मेले ने कई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की प्रतिबद्धता और समर्पण को भी मान्यता दी और उनके अमूल्य योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया. फैसल अशूर और बैंड द्वारा प्रस्तुत लद्दाख के सांस्कृतिक चरमोत्कर्ष के साथ मेले की विदाई हुई. उनके संगीत के जादू ने साहित्य और संगीत की दुनिया को सहजता से जोड़ा, जिससे एक यादगार तालमेल बना जो सभी उपस्थित लोगों को पसंद आया.