नई दिल्ली: “यह देखना दर्दनाक है कि कुछ पत्रकारों ने जमीनी भावनाओं के विपरीत, लोकतांत्रिक प्रक्रिया के पाठ्यक्रम को बदलने का बीड़ा उठाया है.” उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए लोकतंत्र के कामकाज में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए यह बात कही. धनखड़ ने कहा कि हालांकि मीडिया वास्तविक राजनीति में शक्ति केंद्र या हितधारक नहीं है. लेकिन हमें ऐसे खतरों के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है. चूंकि यह वाणिज्य संचालित है. यह कथाएं प्रसारित करता है. इसलिए दुर्भाग्य से यह ऐसे आंदोलन की स्थिरता में हितधारक बन गया है. यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पक्षपातपूर्ण प्रभाव डालने वाले की भूमिका निभाना चाहता है. भारतीय प्रेस परिषद से जानबूझकर फर्जी खबरें फैलाने और पेशेवर नैतिकता से समझौता करने वालों के खिलाफ तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार के प्रहरी के रूप में मीडिया का काम सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह बनाना है. उपराष्ट्रपति ने कहा कि सत्य के लिए प्रतिबद्धता और पत्रकारों का अटूट समर्पण मीडिया को हमारे समाज में अच्छाई के लिए एक शक्ति के रूप में तैयार करता रहेगा. धनखड़ ने कहा कि कोई भी विघटनकारी प्रौद्योगिकी एक अच्छी तरह से जानकार और कर्तव्यनिष्ठ पत्रकार का विकल्प नहीं हो सकती है. हालांकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चुनौतियों और नैतिक सवालों का अपना समूह लेकर आती है. उन्होंने कहा कि गलत सूचना का प्रसार, बड़े झूठ वाली खबरें, इको चैंबर का निर्माण और सूचना का सूक्ष्म लक्ष्यीकरण लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करता है, जिससे समाज में अराजकता और अस्थिरता पैदा होती है.
उपराष्ट्रपति ने प्रौद्योगिकी परिदृश्य के वह अभिन्न अंग और तकनीक के रूप में विद्यमान रहने वाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में चेताया, कि यह एंकर और भाषा माडल जैसे कई स्रोतों से जानकारी एकत्र करने के बाद मीडिया रिपोर्ट लिख सकता है, जिससे हजारों लोगों की नौकरियां खतरे में हैं. पर इस युग में दायित्वपूर्ण और नैतिक पत्रकारिता की अनिवार्यता कैसे बचेगी. इसलिए यह सर्वोपरि है कि पत्रकार और मीडिया समूह ईमानदारी के उच्चतम मानकों को बनाए रखें. उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि तथ्य-जांच, कठोर स्रोत सत्यापन और अटूट संपादकीय स्वतंत्रता आज के मीडिया परिदृश्य में महत्वपूर्ण हैं. धनखड़ ने सभी से नवाचार और दायित्व की भावना के साथ आगे बढ़ने, पत्रकारिता के सिद्धांतों को बनाए रखते हुए, जिसने पीढ़ियों से हमारी सेवा की है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता का उपयोग करने का आग्रह किया. उन्होंने इस नए युग को आगे बढ़ाने के लिए एकीकृत क्षमता पर बल दिया, इस अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण; युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, सूचना एवं प्रसारण तथा मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री डा एल मुरुगन, प्रेस काउंसिल आफ इंडिया की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई, जी-20 शेरपा अमिताभ कांत, प्रेस काउंसिल आफ इंडिया के सचिव नुंगसांगलेम्बा एओ और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे.