जबलपुर: स्थानीय जय नगर में ‘माध्यम’, ‘जबालि व्यंग्यम’ और ‘गुंजन कला’ के संयुक्त तत्वावधान में ‘हास्यम- व्यंग्यम संध्या’ का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में रायपुर से पधारे व्यंग्यकार केपी सक्सेना ‘दूसरे’ मुख्य अतिथि थे. इस दौरान स्थानीय व्यंग्यकारों ने भी गद्य और पद्य विधा में सृजित अपनी हास्य-व्यंग्य रचनाओं का पाठ किया. कार्यक्रम की शुरुआत में इस आयोजन से जुड़ी संस्थाओं की ओर से मुख्य अतिथि का स्वागत किया गया.
विजय तिवारी किसलय ने मुख्य अतिथि सक्सेना का परिचय दिया. इस दौरान प्रतुल श्रीवास्तव ने व्यंग्य की अपनी दो पुस्तकें भेंट की. इसके पश्चात व्यंग्य पाठ का विधिवत सत्र आरंभ हुआ.
कार्यक्रम में डा कुंदन सिंह परिहार, प्रतुल श्रीवास्तव ,जय प्रकाश पाण्डेय, ओपी सैनी, रमाकांत ताम्रकार, अभिमन्यु जैन, केपी पाण्डे, विजय तिवारी, डा एसके सिंह आदि ने हास्य व्यंग्य रचनाएं सुनायीं. मुख्य अतिथि की आसंदी से केपी सक्सेना ने हास्य व्यंग्य की बारीकियों पर चर्चा करते हुए पढ़ा, “व्यंग्य का मर्म इतना जाना है, कि कुंद चाकू से गुदगुदाना है, आप शब्दों पर मत जाएं, देखिए ये कहां निशाना है.” इसके अलावा उन्होंने उलटबांसियों से उपस्थित जनों को वाह वाह करने मजबूर कर दिया. संचालन यशोवर्धन ने और आभार प्रदर्शन डा शिव कुमार ने ज्ञापित किया.