नई दिल्ली: राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत द्वारा प्रकाशित बाल पुस्तक ‘गंगा की यात्रा’ का विमोचन स्थानीय डा अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में आयोजित ‘गंगा उत्सव’ के दौरान किया गया. विमोचित बाल पुस्तक ‘गंगा की यात्रा’ सचित्र लघु कहानियों का संग्रह है, जिनकी रचना 11 से 14 वर्ष की आयु के पाठकों के लिए की गई है. यह पुस्तक गंगा नदी की ऐतिहासिक एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इसके संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूक करती है. गंगा नदी को प्रेरणा के रूप में लेते हुए, यह पुस्तक गंगा तट पर आयोजित विचार-विमर्शों की शृंखला ‘गंगा किनारे, गंगा की बातें’ पर आधारित है, जिसमें संस्कृति, पर्यावरण, साहित्य, लोककथाएं, किंवदंतियां व नदी से संबंधित अन्य विषयों पर चर्चा की गई है. इस पुस्तक की कहानियां ‘गंगा पुस्तक परिक्रमा’ के पहले संस्करण में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत से जुड़े लाखों पाठकों के साथ विभिन्न विषयों पर संपन्न हुए विचार-विमर्श और उनके जीवन में गंगा नदी के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय प्रभाव पर आधारित हैं.

 

याद रहे कि गंगा उत्सव के अवसर पर इस पुस्तक के विमोचन के साथ ही भारत सरकार की जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक जी अशोक कुमार ने ‘गंगा पुस्तक परिक्रमा’ के दूसरे संस्करण को भी हरी झंडी दिखाई. गंगा पुस्तक परिक्रमा 7 नवंबर को गंगोत्री से आरंभ होकर 11 जनवरी को हल्दिया में समाप्त होगी. लगभग तीन महीने की इस यात्रा में गंगा नदी के किनारे बसे प्रमुख शहर और कस्बे जैसे उत्तरकाशी, ऋषिकेश, हरिद्वार, बिजनौर, मेरठ, अलीगढ़, फर्रुखाबाद, कानपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, छपरा, पटना, बेगूसराय, सुल्तानगंज, भागलपुर, साहिबगंज, बहरामपुर, कोलकाता और हल्दिया महत्वपूर्ण पड़ाव होंगे.