भोपाल: जगन्नाथ प्रसाद चौबे ‘वनमाली’ के रचनात्मक योगदान और स्मृति को संरक्षित करने के लिए स्थापित संस्थान वनमाली सृजन पीठ का तीन दिवसीय राष्ट्रीय वनमाली कथा सम्मान समारोह रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय परिसर में विश्वविद्यालय और आईसेक्ट पब्लिकेशन के सहयोग से आयोजित हुआ. वनमाली सृजनपीठ एवं विश्वरंग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वनमाली कथा सम्मान 2024 में इस बार दस अलग-अलग श्रेणियों में रचनाकारों को वनमाली कथा सम्मानों से अलंकृत किया गया. ‘वनमाली कथाशीर्ष सम्मान’ सुप्रसिद्ध लेखिका स्वर्गीय उषाकिरण खान को मरणोपरांत प्रदान किया गया. उनका पुरस्कार उनकी पौत्री लखिमा शंकर खान और दौहित्री अदिति सिंह ने ग्रहण किया. ‘वनमाली राष्ट्रीय कथा सम्मान’ से वरिष्ठ कथाकार शिवमूर्ति को सम्मानित किया गया. साथ ही ‘वनमाली कथा मध्यप्रदेश सम्मान’ वरिष्ठ कथाकार डा ज्ञान चतुर्वेदी को दिया गया.
‘वनमाली युवा कथा सम्मान’ युवा कथाकार आशुतोष को, ‘वनमाली कथा आलोचना सम्मान’ आलोचक राकेश बिहारी को, ‘वनमाली कथा पत्रिका सम्मान’ लखनऊ से प्रकाशित चर्चित पत्रिका ‘तद्भव’ को प्रदान किया गया. ‘वनमाली प्रवासी भारतीय रचनाकार सम्मान’ लंदन प्रवासी वरिष्ठ कथाकार तेजेन्द्र शर्मा को और ‘वनमाली कथेतर सम्मान’ अनिल यादव को दिया गया. ‘वनमाली विशिष्ट कथा सम्मान’ से कथाकार और लेखिका प्रत्यक्षा को नवाजा गया. अरविंद मिश्र को ‘वनमाली विज्ञान कथा सम्मान’ प्रदान किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में साहित्यकार ममता कालिया उपस्थित रहीं. जापान के हिंदी एवं भारतीय भाषा विद्वान तथा पद्मश्री से सम्मानित तोमियो मिजोकामी का सान्निध्य भी रहा. प्रदेश और देश के कई चिंतक, विचारक और साहित्यकारों के साथ साहित्यप्रेमियों ने भी अपनी रुचि दिखाई. इन सबको जोड़ने में कथाकार लीलाधर मंडलोई की सक्रिय भूमिका थी.