नई दिल्ली: छात्रों में पुस्तकों के पठन-पाठन को लेकर कैसे रुचि बढ़े इसके निमित्त विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर देश भर के विद्यालयों में कई तरह के आयोजन हुए, जिनमें पुस्तकों के वितरण, व्याख्यान से लेकर कई तरह की साहित्यिक गतिविधियां संचालित हुईं. मुरादाबाद में बाल साहित्यकार व समाजसेवी डा राकेश चक्र ने डिप्टी जगन्नाथसिंह सरस्वती विद्या मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कटघर में स्वलिखित 200 पुस्तकें व 300 बाल साहित्य बांटे. चक्र ने छात्रों को प्रेम के दीप जलाओ रे; देश के नौजवान; वीर शिवाजी; ऊंचा देश उठाएंगे; साफ हवा कर देते पेड़; पूरे हिंदुस्तान से आदि शीर्षकों की पुस्तकें उपहार स्वरूप भेंट कीं. चक्र ने बच्चों को स्वस्थ्य जीवन जीने के लिए मोटीवेशनल और योग, आहार-विहार से संबंधित टिप्स और उद्बोधन भी दिया. उधर जालंधर में भी लिटरेरी फोरम ने विश्व पुस्तक दिवस और कापीराइट दिवस पर कई कार्यक्रम कराए, जिनमें लेखकों के साथ-साथ पुस्तकप्रेमियों ने भी हिस्सा लिया.
इसी तरह भोपाल के लांबाखेड़ा स्थित रेड रोज स्कूल के छात्रों ने विभिन्न साहित्यिक गतिविधियों में भाग लिया. जिसमें कहानी पढ़ने व सुनाने के कई कार्यक्रम हुए. इस मौके पर सबसे पहले लाइब्रेरी सत्र का आयोजन हुआ. जिसमें छात्रों ने अपनी मनपसंद किताबें पढ़ीं. इसके बाद कहानी सत्र शुरू हुआ. जिसमें शिक्षकों ने छात्रों को मौलिक और क्लासिक बाल साहित्य से प्रेरित कहानियां सुनाईं. इंटरैक्टिव अनुभव के लिए छात्रों ने शब्द-निर्माण गतिविधि में भाग लिया. इस सत्र में उनकी शब्दावली और वर्तनी कौशल और भाषा पर ध्यान केंद्रित किया गया. लाइब्रेरी में एक कोना पढ़ने के साथ, संवाद के लिए रहा. इसे स्कूल के संस्थापक के नाम पर रखा गया था ताकि छात्र अपने गुरुजनों, अग्रजों, पूर्वजों का सम्मान करना सीखें. केंद्रीय विद्यालय महासमुंद में भी विश्व पुस्तक दिवस मनाया गया. इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षक विवेकानंद प्रधान ने पुस्तक पाठन पर सारगर्भित व्याख्यान दिया. प्राचार्य संजय कंसाल ने पुस्तक पाठन की उपयोगिता पर विचार व्यक्त किए और अधिक से अधिक पुस्तक पाठन के लिए प्रेरित किया.