नई दिल्ली: स्थानीय हिंदी भवन में व्यंग्य त्रयी के महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर रवींद्रनाथ त्यागी की स्मृति में ‘व्यंग्य यात्रा रवींद्रनाथ त्यागी स्मृति सम्मान‘ समारोह का आयोजन हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यशवंत व्यास थे. उन्होंने रवींद्रनाथ त्यागी के बहाने व्यंग्य पर सार्थक चर्चा की बात कही और व्यंग्य के प्रति समर्पण के लिए डा जनमेजय और व्यंग्य यात्रा की सराहना की. कार्यक्रम अध्यक्ष बलराम ने रवींद्रनाथ त्यागी को कवि-व्यंग्यकार बताया. उन्होंने कवि के रूप में कविता जगत में रवींद्रनाथ त्यागी की सार्थक उपस्थिति एवं व्यंग्य जगत में व्यंग्य त्रयी में शुमार होने तथा व्यंग्य को विधा के रूप में स्थापित करने के उनके योगदान को रेखांकित किया. आरंभिक वक्तव्य में डा प्रेम जनमेजय ने दिया. उन्होंने कहा कि रवींद्रनाथ त्यागी, हरिशंकर परसाई और शरद जोशी हमारे अग्रज हैं. हमें उनसे लेखन का जो अनुभव प्राप्त हुआ और उनसे जो आत्मीयता मिली है, हमें उन्हें फिर से रोपना होगा. इस सम्मान के बहाने रवींद्रनाथ त्यागी के लेखन पर चर्चा करना और वर्तमान युवा साहित्यकारों के लेखन पर चर्चा होना ही इस कार्यक्रम की सार्थकता है. व्यंग्य यात्रा का उद्देश्य जहां एक ओर विमर्श की जमीन तैयार करना है वही वरिष्ठ रचनाकारों पर विशेषांक द्वारा उनके लेखन को आज की पीढ़ी के सामने लाना है. उन्होंने बताया कि व्यंग्य विमर्श को रेखांकित करने के लिए ‘व्यंग्य यात्रा व्यंग्य चिंतक‘ सम्मान आरंभ किया गया है. इस सम्मान के गौतम सान्याल का चयन किया गया. उनके और उनकी पत्नी के अत्यधिक अस्वस्थ होने के वे आज उपस्थित नहीं हैं. उनके स्वस्थ होने पर जल्द एक आयोजन में उन्हें सम्मानित किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि वे अशोक त्यागी के आभारी हैं कि उन्होंने मेरा सुझाव माना और हिंदी व्यंग्य में नारी स्वर को रेखांकित करने के लिए पंद्रह हजार रुपए सम्मान राशि का सम्मान आरंभ किया.
इस अवसर पर ‘व्यंग्य यात्रा रवींद्रनाथ त्यागी स्मृति शीर्ष सम्मान‘ सुरेश कांत और अरविंद तिवारी को प्रदान किया गया. ‘व्यंग्य यात्रा रवींद्रनाथ त्यागी स्मृति सोपान सम्मान‘ युवा व्यंग्यकार अनूप मणि त्रिपाठी को प्रदान किया गया. ‘व्यंग्य यात्रा शारदा त्यागी स्मृति सम्मान‘ व्यंग्य के प्रखर नारी स्वर और नाट्यकर्मी विभा रानी को प्रदान किया गया. शीर्ष सम्मान की राशि पच्चीस हजार रुपए, सोपान सम्मान की राशि ग्यारह हजार रुपए और शारदा त्यागी स्मृति सम्मान की राशि पंद्रह हजार रुपए है. सभी सम्मानितों को अंग वस्त्र, शाल, स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. विभा रानी और अनूप मणि त्रिपाठी को वाणी प्रकाशन के सौजन्य से कमल किशोर गोयनका के संपादन में प्रकाशित ‘रवींद्रनाथ रचनावली‘ भेंट की गई. कार्यक्रम में यशवंत व्यास की सद्यः प्रकाशित पुस्तक ‘मोहब्बत की दुकान‘ का लोकार्पण किया गया. सुरेश कांत, अरविंद तिवारी, विभा रानी और अनूप मणि त्रिपाठी ने अपने-अपने वक्तव्य में चयन समिति के प्रति आभार, व्यंग्य विधा में डा त्यागी के योगदान और उनसे जुड़े संस्मरण साझा किए. स्वागत भाषण अशोक त्यागी ने दिया. संचालन रणविजय राव ने किया. इस दौरान उन्होंने अनेक लेखकों को लिखे त्यागी के पत्र और उनकी रचनाओं के अंश पढ़े. व्यंग्य यात्रा की प्रबंधक आशा कुंद्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम में हरि जोशी, इरफान, सोमदत्त शर्मा, संतोष त्रिवेदी, एमएम चंद्रा, स्वाति चौधरी, रेणुका अस्थाना, प्रियंका सैनी, रत्नावली कौशिक, सोनी लक्ष्मी राव, रेनू हुसैन, अशोक गुप्ता, मुकुल उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार, पत्रकार एवं साहित्य प्रेमी उपस्थित थे.