डूंगरपुर: घाटा का गांव में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ महोत्सव के अंतर्गत कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ. कथा पंडाल में आयोजित कवि सम्मेलन में आरंभ में आयोजक परिवार द्वारा आमंत्रित कवियों एवं अतिथियों का माल्यार्पण द्वारा स्वागत एवं अभिनंदन किया गया. कवि सम्मेलन में बतौर अतिथि आचार्य रुद्रशेखर महाराज और कपिल पाटीदार शामिल हुए. विशिष्ट अतिथि शिवराम पाटीदारचंद्रशेखरगिरीश शाहसुरेश पाटीदारगटुलाल पाटीदारमनोज पाटीदारमुकेश पाटीदार रहें. अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई. स्वागत उद्बोधन गांव के डायालाल पाटीदार ने दिया. कवि छत्रपाल शिवाजी ने पढ़ा, ‘कभी यहां पर कभी वहां परजीवन बहती धारा है कभी भंवर में अटकी सांसेंमिलता कभी किनारा है. कविता के इस महायज्ञ मेंखुद को होम दिया हमनेइश्क किया है सिर्फ कलम सेहम आशिक बंजारा हैं…‘ रचना पढ़ी तो लोग दाद देने लगे. गौमुखी पाटीदार ने पढ़ा, ‘उम्दा सृजन के लिए कवि को कागज हो जाना होता है. कृष्ण को लिखने की मंशा हो अगर हृदय मेंतो कुछ वक्त के लिए ही सही मगर कवि को राधा हो जाना होता हैं..‘ से कृष्ण भक्ति का एहसास करवाया.

रोमिल पाटीदार ने पढ़ा, ‘जो बेटियों की इज्जत से खेले ऐसे दरिंदों के लिए चौराहे पर गर्दन काटी जाए देश में ऐसा कानून चाहिए‘ एवं देशभक्ति कविता ‘सैनिक भारत मां के लिए जान तक दे देता है तब जाकर के हिंदुस्तानी तिरंगा लहराता है,’ सुनाई तो जोश में वक़्त ठहर सा गया. संयोजक कवि सुनील पटेल सन्नाटा ने पढ़ा, ‘भारत को गर्व है कि हमारे पास स्टैच्यू आफ यूनिटी है…‘ और ‘न भूखा सो सके भारत यही सपना किसानों का…‘ कविता के माध्यम से किसानों की दर्द बयानी की. देर रात तक गीतोंगजलोंओज कविताओं व हास्य-व्यंग्य के ठहाकों के बीच श्रोता झूमते रहे. रोहिणी पंड्या ने ‘उठो जगो बढ़े चलो कलम यही पुकारतीरहे अखंड सर्वदा हमारी मात भारती‘ कविता पढ़ीतो गोपाल सेवक ने ‘टीवी नो असर मारी पत्नी माते पड्यो एवो जोरदारटीवी ना चक्कर में भूली जाए‘ रचना पढ़कर सामाजिक जीवन पर टीवी के प्रभाव को रेखांकित किया. सुरेश सरगम फलोज ने ‘आज भी भारतीय संस्कृति में करवा चौथ ही स्त्री के लिए महत्त्वपूर्ण त्यौहार है…‘ पढ़कर भारतीय संस्कृति व संस्कारों का वर्णन किया. बाल कवि आगम शाह ने भी कविता सुनाई. नवयुवक मंडल अध्यक्ष नरेश पाटीदार ने आभार जताया. इस अवसर पर विकास पाटीदारराजेश पाटीदारसंजय पाटीदार समेत नवयुवक मंडल के सभी सदस्य व ग्रामीण मौजूद रहे.