नई दिल्ली: भारतीय अस्मिता सूर्य को देव ही नहीं भगवान मानती है और पृथ्वी तो मां के रूप में पूज्य हैं ही. केवल प्रभु श्री राम ही नहीं बल्कि महात्मा बुद्ध भी सूर्य वंश के इक्ष्वाकु कुल में ही उत्पन्न हुए थे. ऐसे में भारत सरकार द्वारा हरित और स्वस्थ ग्रह ‘पृथ्वी‘ के संरक्षण के सौर ऊर्जा के महत्त्वपूर्ण लाभों से जनमानस को जोड़ने के वार्षिक अनुस्मारक के रूप में मई को अंतर्राष्ट्रीय सूर्य दिवस मनाया जाना सराहनीय है. पूरी मानव जाति जितनी ऊर्जा पूरे एक वर्ष में उपयोग करती हैउतनी ऊर्जा सूर्य एक घंटे में पृथ्वी को देता है. विशेष बात यह कि इंटरनेशनल सन डे से वैश्विक समुदाय को जोड़ने की कोशिश भी हो रही है. वर्ष 2021 में ग्लासगो में जब दुनियाभर के देश जलवायु परिवर्तन से मानवता के अस्तित्व के संकट पर विचार कर रहे थेतब प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक सूरजएक विश्वएक ग्रिड‘ के मंत्र को दोहराया था. अब भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने जनजागरुकता के लिए राजधानी के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में ‘रन फार सन‘ मैराथन का आयोजन किया. किमी और किमी की दौड़ वाली ‘रन फार सन‘ मैराथन को जलवायु परिवर्तन में कमी लाने और सभी के लिए स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य को बढ़ावा देने में सौर ऊर्जा की अहम भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है.

मैराथन के माध्यम से सौर ऊर्जा और पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति देश की तरफ से मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त की गई. इस अवसर परनवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव भूपिंदर एस भल्ला ने कहा कि यह कार्यक्रम स्थायी ऊर्जा समाधानों को आगे बढ़ाने के प्रति हमारे समर्पण को रेखांकित करता है और पर्यावरणीय प्रबंधन की दिशा में हमारी यात्रा में सौर ऊर्जा के महत्त्व पर प्रकाश डालता है. मैराथन शारीरिक फिटनेस और खुशहाली को बढ़ावा देने के सरकार के दृष्टिकोण के साथ पूरी तरह से मेल खाता हैजिसमें हमने नागरिकों को नवीकरणीय ऊर्जा के मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए सक्रिय जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया. हम उन सभी प्रतिभागियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं जिनके उत्साह और समर्थन ने इस आयोजन को शानदार सफलता दिलाई है. हम इस गति को आगे बढ़ाने और इसे एक वार्षिक परंपरा के रूप में स्थापित करने के लिए तत्पर हैं. अंतर्राष्ट्रीय सूर्य दिवस समारोह में सोलर स्टाप्स बनाए गए थे. इस अवसर परमंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय सूर्य दिवस के उपलक्ष्य में एक अखिल भारतीय अंतर-विद्यालयी सौर कला प्रतियोगिता ‘सोलार्ट‘ की भी घोषणा की हैजो कलात्मक अभिव्यक्तियों के माध्यम से सौर ऊर्जा का जश्न मनाने का एक आकर्षक और शैक्षिक तरीका होगा. प्रतियोगिता का उद्देश्य पूरे भारत में स्कूली छात्रों के बीच रचनात्मकता को जगाना और सौर ऊर्जा के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है. स्कूलों द्वारा घोषित विजेताओं को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय से प्रशस्ति प्रमाण पत्र प्राप्त होंगे.