लखनऊ: जनवादी लेखक संघ लखनऊ की ओर से कैफी आजमी अकादमी में आयोजित एक समारोह में बिहार के कवि शंकरानंद को 2022 का मलखान सिंह सिसोदिया कविता पुरस्कार प्रदान किया गया. पुरस्कार समारोह में की अध्यक्षता कवि, पत्रकार सुभाष राय ने की. राय ने शंकरानंद को हमारे समय का महत्त्वपूर्ण कवि बताया. इस कार्यक्रम में शामिल वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना ने शंकरानंद की विशेषताओं को रेखांकित करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं. कवयित्री वंदना मिश्रा ने शंकरानंद की कविताओं के शिल्प पक्ष की संभावनाओं पर विचार किया. आलोचक नलिन रंजन सिंह ने शंकरानंद की कविताओं पर विस्तार से बात रखी और उनके संग्रह ‘इनकार की भाषा‘ को महत्त्वपूर्ण संग्रह बताया. उन्होंने राजेश जोशी को उद्धृत करते हुए शंकरानंद की कविताओं को समकालीन संदर्भ में समझे जाने की अपेक्षा की.
सम्मान समारोह में शंकरानंद ने आत्मकथ्य के साथ कुछ कविताओं का पाठ भी किया. शंकरानंद के अब तक तीन कविता संग्रह ‘दूसरे दिन के लिए‘, ‘पदचाप के साथ‘ और ‘इनकार की भाषा‘ प्रकाशित हो चुके हैं. उन्हें इससे पहले विद्यापति पुरस्कार और सृजनात्मक पुरस्कार भी मिल चुका है. कार्यक्रम का संचालन कवयित्री सीमा सिंह ने और धन्यवाद ज्ञापन माधव महेश ने किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद रहे. याद रहे कि कवि मलखान सिंह सिसोदिया द्वारा 2007 में स्थापित यह पुरस्कार प्रतिवर्ष किसी युवा कवि को दिया जाता है. पुरस्कार की घोषणा केपी सिंह मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष नमिता सिंह और उत्तर प्रदेश जनवादी लेखक संघ के सचिव नलिन रंजन सिंह ने की. पूर्व में यह पुरस्कार चर्चित कवि दिनेश कुशवाहा, एकांत श्रीवास्तव, श्रीप्रकाश शुक्ल, अशोक तिवारी, भरत प्रसाद, संजीव कौशल, निशांत, संतोष चतुर्वेदी, रमेश प्रजापति, प्रदीप मिश्र, विशाल श्रीवास्तव, ज्ञान प्रकाश चौबे और बच्चा लाल उन्मेष को दिया जा चुका है.