दरभंगा: स्थानीय खादी ग्रामोद्योग भवन, रामबाग में प्रसिद्ध सर्वोदयी समाजसेवी, साहित्यकार उग्रनारायण मिश्र ‘कनक’ की छठी पर विचार गोष्ठी सह कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. विचारगोष्ठी का विषय था ‘मिथिला में खादी के विकास में कनक जी का योगदान.’ इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों ने जहां साहित्यकार, समाजसेवी और पूरी तरह से भारतीय जीवन मूल्यों को समर्पित मिश्र को याद किया, वहीं कवियों ने अपनी रचनाओं से उन्हें श्रद्धांजलि दी. आरंभ में पंकज कुमार ने अतिथियों का स्वागत पाग, माला व चादर से किया. कार्यक्रम के संचालक कमलेश झा ने उग्रनारायण मिश्र ‘कनक’ के जीवन परिचय से श्रोताओं को अवगत कराया. कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रसिद्ध मैथिल कवि हरिश्चंद्र ‘हरित’ ने कहा कि उग्रनारायण मिश्र ‘कनक’ महान स्वतंत्रता सेनानी के साथ मैथिली साहित्य के मूर्धन्य साहित्यकार भी थे.

उग्रनारायण मिश्र ‘कनक’ के बड़े पुत्र विनोद कुमार मिश्र ने कहा कि खादी का रिश्ता हमारे इतिहास और परंपरा से है. आजादी के आंदोलन में खादी अहिंसक व रचनात्मक हथियार की तरह थी. आज खादी को प्रोत्साहित करना जरूरी है. उपेंद्र झा ने भी अपने विचार रखे. दूसरे सत्र में आयोजित कवि गोष्ठी में मैथिली कवि लक्ष्मी सिंह ठाकुर ने कहा कि यह कवि गोष्ठी उग्रनारायण मिश्र ‘कनक’ जी को सच्ची श्रद्धांजलि है. कवि गोष्ठी में सुमित गुंजन, प्रो. संदीप कुमार झा, निरंजन झा, मुन्नी मधु, विजय शंकर झा, मिथिलेश सिन्हा व अनुराग झा ने अपनी कविताओं से दर्शकों का मन मोह लिया. इस अवसर पर अजय कुमार, विवेकानंद चौधरी आदि के साथ जिले गणमान्य लोग, हिंदी और मैथिली के साहित्यप्रेमी, सर्वोदयी विचारधारा में विश्वास करने वाले वरिष्ठजनों के साथ बड़ी संख्या में मीडिया और समाजसेवी संगठनों से जुड़े लोग उपस्थित थे.