लखनऊ: संवादी के दूसरे दिन का समापन सत्र ठहाकों के नाम रहा. मंच पर थे स्माइल मैन के नाम से मशहूर हास्य कवि सर्वेश अस्थाना, पहचान तो गए हुइहौ से घर-घर पहचाने जाने वाले कनपुरिया अन्नू अवस्थी और रील्स बनाकर बुआ के रूप में प्रख्यात आद्या श्रीवास्तव. संचालक पंकज प्रसून ने अपने अंदाज में चुटीले सवाल दागे तो उधर से आए उतने ही चुहल भरे जवाब. पंकज प्रसून ने जब सर्वेश से पूछा कि आप अन्नू के साढ़ू होते तो क्या होता? सर्वेश ने तपाक से जवाब दिया हम अन्नू के साढ़ू काहे होते बे? अब चर्चा यह छिड़ गई कि ‘बे‘ की उत्पत्ति कानपुर में हुई या लखनऊ में. अन्नू अवस्थी ने अपने अंदाज में तथाकथित पत्रकारों की खिंचाई की तो आद्या ने उसमें कानपुर के नेताओं को लपेट लिया. संचालक ने आद्या को रिश्तों की बुनावट का विशेषज्ञ बताकर रहस्योद्घाटन किया कि अब आद्या को लोग शादी में बुलाने से कतराते हैं. कारण यह है कि इनको देखते ही बात कर रहीं चार महिलाएं चुप हो जाती हैं कि पता नहीं कौन सी बात को उठाकर आद्या कल रील बना दें. आदर्श बहू, सास और बुआ के संवादों को रील में पिरोकर अनायास ही चेहरे पर मुस्कान लाने वाली आद्या के अंदाज ने जमकर तालियां बटोरीं.
लखनऊ और कानपुर में पान-गुटखे की पीक से इमारतों को रंगने के शौक पर अन्नू अवस्थी ने जब कहा कि दोनों चीजें खराब हैं तो लगा कि वह इतना गंभीर क्यों, लेकिन अगली ही लाइन में वह बोले ‘भांग खाओ‘ तो लोगों की हंसी फूट पड़ी. पाप का घड़ा क्यों भरता है? पर सर्वेश अस्थाना ने बताया कि पाप को घड़े में भरने की प्रक्रिया जब शुरू हुई तब थर्मस नहीं बनते थे, हालांकि वह टूटते भी नहीं. इजहारे इश्क के दौरान माशूका के बाप अगर आ जाएं तो? ऐसे हालात के लिए सर्वेश अस्थाना ने सुनाया कि ‘जलाले शमा से हिम्मते परवाना बेहतर है. सुलगती जिंदगी से जल जाना बेहतर है.. इजहारे इश्क के दौरान आ जाएं अगर पापा. वहां पर रुके रहने से टल जाना बेहतर है.. एक दिन का मुख्यमंत्री बनने पर अन्नू अवस्थी ने चुटकी लेते कहा ‘सबसे पहले मैं अपने खेत दाखिल-खारिज करवाऊंगा और यह भी शर्त रखूंगा कि तब तक ही मुख्यमंत्री रहूंगा जब तक दाखिल-खारिज न हो जाए‘. इसमें व्यंग्य भी था और सरकारी व्यवस्था पर तंज भी. अन्नू अवस्थी ने बड़े चुटीले अंदाज में बात-बात पर तालियों की मांग करने के लिए कवियों की टांग खींची . सर्वेश अस्थाना ने अपनी मशहूर कविता शादी का विज्ञापन सुनाया तो लोगों ने तालियों से भरपूर समर्थन किया. सर्वेश ने अपनी फ्रेंच कट दाढ़ी को भी हास्य के लपेटे में लेकर अपनी शादी के विज्ञापन के माध्यम से दहेज प्रथा पर प्रहार किया.