नई दिल्लीः गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा नई दिल्ली और विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान नोएडा द्वारा संचालित ‘सन्निधि संगोष्ठी’ ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वाले पांच लोगों को प्रतिष्ठित विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया. साहित्य के लिए यह सम्मान कमलेश कमल, समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण के लिए डॉ अनुभा पुंढीर, पत्रकारिता के लिए जनक दवे, शिक्षा के लिए सीताराम बरोट ‘सत्यम’ और कला के लिए अपर्णा सारथे को यह सम्मान दिया गया. इस अवसर पर पत्रकारिता और साहित्य के लिए विशिष्ट राष्ट्रीय सम्मान से संजय स्वतंत्र भी नवाजे गए. कमल देश भर के विश्वविद्यालयों एवं प्रमुख संस्थाओं में हिंदी-भाषा के शुद्ध रूप का प्रचार-प्रसार करने के कारण विद्यार्थियों के बीच वे काफी लोकप्रिय हैं. वे संघ लोक सेवा आयोग की तैयारी करने वालों के लिए हिंदी और निबंध विषय की कक्षाएं भी चलाते हैं, वह भी बिना किसी शुल्क के. अहमदाबाद के दवे ने जान जोखिम में डालकर यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्र की शानदार लाइव कवरेज की थी. इसी प्रकार बरोट ने लेखन और अन्य प्रदर्शन कला के जरिए बच्चों को शिक्षित करने के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई है.

इसी तरह अपने गृह राज्य उत्तराखंड में प्लास्टिक के इस्तेमाल के विरोध में डॉ पुंढीर ने गांव-गांव और शहर-शहर सघन अभियान चला कर समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है. वे जानी-मानी नृत्यांगना तो हैं ही अपनी संस्था की ओर से उन्होंने लाखों लोगों को कपड़े के थैले मुहैया कराए हैं. उनके प्रयास से असंख्य लोगों ने खुद को सदा के लिए प्लास्टिक से अलग थलग कर लिया. याद रहे कि पिछले दस सालों से ‘सन्निधि संगोष्ठी’ हरेक साल दिसंबर में काका साहब कालेलकर और जून में साहित्यकार विष्णु प्रभाकर की याद में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली हस्तियों को काका साहब कालेलकर सम्मान और विष्णु प्रभाकर सम्मान से सम्मानित करती है. समारोह में रमेश भाई, मुकेश भारद्वाज, ज्ञानेन्द्र रावत, प्रभात कुमार सहित अनेक गणमान्य लोगों उपस्थित रहे. धन्यवाद ज्ञापन विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के मंत्री अतुल कुमार ने दिया.