नई दिल्ली: संगीत नाटक अकादमी नवरात्रि के पावन पर्व पर कला प्रवाह शृंखला के तहत मंदिर परंपराओं को पुनर्जीवित करने के लिए एक बड़ा आयोजन कर रहा है. अकादमी पवित्र नवरात्रि के दौरान ‘शक्ति संगीत और नृत्य का एक उत्सव‘ नाम से एक आयोजन कर रही है, जो 9 अप्रैल से शुरू हो चुकी है. अकादमी ने इस बात पर बल दिया है कि चूंकि नवरात्रि नौ देवियों की शक्ति का प्रतीक है, इसलिए अकादमी 9 से 17 अप्रैल तक देश के विभिन्न हिस्सों के सात अलग-अलग शक्तिपीठों में मंदिर परंपराओं का उत्सव मना रही है ‘शक्ति‘ शीर्षक से आयोजित इस संगीत और नृत्य महोत्सव में जानेमाने कलाकार हिस्सा ले रहे हैं.
शक्ति उत्सव का उद्घाटन गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में हुआ. इसके पश्चात यह महाराष्ट्र, कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश के ज्वालामुखी मंदिर, उदयपुर, त्रिपुरा के त्रिपुर सुंदरी मंदिर बनासकांठा, गुजरात के अंबाजी मंदिर, देवघर, झारखंड के जय दुर्गा शक्तिपीठ तक जारी रहेगा. इस उत्सव का समापन उज्जैन, मध्य प्रदेश के शक्तिपीठ मां हरसिद्धि मंदिर में 17 अप्रैल को होगा. याद रहे कि प्रदर्शन कला की राष्ट्रीय अकादमी के रूप में ‘संगीत नाटक अकादमी‘ भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की एक स्वायत्त संस्था है, जो संगीत, नृत्य, नाटक, लोक और जनजातीय कला रूप और देश के अन्य संबद्ध कला रूपों के रूप में व्यक्त देश के प्रदर्शन कला रूपों के संरक्षण, अनुसंधान, प्रचार और कायाकल्प की दिशा में काम कर रही है.