नई दिल्ली: जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर में आयोजित हो रहे दुनिया के सबसे बड़े पुस्तक मेले में भारत के कई सरकारी, अर्धसरकारी और निजी प्रकाशन और पुस्तक संस्थान हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें साहित्य अकादेमी भी एक है. 18 से 22 अक्तूबर तक आयोजित इस पुस्तक मेले में दुनिया भर के 7000 से अधिक प्रकाशक भाग ले रहे हैं. इंडियन पैवेलियन में भारत के 30 सरकारी और निजी प्रकाशकों के स्टाल लगे हैं. यह पुस्तक मेला पुस्तक बेचने से ज्यादा पुस्तकों के प्रकाशन को बढ़ावा देने, नई रुझानों, नवीनता और उसके विस्तार के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराने के लिए जाना जाता है.
इस पुस्तक मेले में ही साहित्य अकादेमी ने अपने स्टाल पर अपने यहां से प्रकाशित 100 से अधिक पुस्तकों के कापीराइट विदेशी प्रकाशकों को उपलब्ध कराए हैं, जिससे भारत के बड़े लेखकों की कृतियों के अनुवाद अनेक विदेशी भाषाओं में शीघ्र और बिना किसी अड़चन के प्रकाशित हो सकें. साहित्य अकादेमी के सचिव के श्रीनिवासराव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि साहित्य अकादेमी ने जिन विभिन्न भारतीय भाषाओं के लेखकों की कुछ पुस्तकों के कापीराइट उपलब्ध कराए हैं, उनमें प्रमुख हैं- रवींद्रनाथ टैगोर, एसएल भैरप्पा, मनोज दास, राजेंद्र सिंह बेदी, निर्मल वर्मा, भीष्म साहनी, ताराशंकर बंधोपाध्याय, जयकांतन, कपिला वात्सयायन, गुरुदयाल सिंह आदि. कुछ बच्चों की किताबें के भी कापीराइट उपलब्ध कराएं गए हैं. ज्ञात हो कि 1949 से आयोजित हो रहे इस पुस्तक मेले में साहित्य अकादेमी पूर्व में भी कई बार भाग ले चुकी है.