कुरुक्षेत्र: “समय-समय पर महापुरुषों ने सही मार्ग दिखाया है, जो सभी के भलाई के लिए साबित हुआ है. सिख महापुरुषों ने भी बिना भेदभाव के समाज को बेहतर बनाने का संदेश दिया है. उन्हीं संदेश पर आज हरियाणा की सरकार चल रही है. हर व्यक्ति को ऐसे महापुरुषों की शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करते हुए समाज व देश के लिए तत्पर रहना चाहिए.” यह बात राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभागार में ‘हरियाणा में सिखों की सेवा में खट्टर’ पुस्तक का विमोचन करते हुए कही. उन्होंने कहा कि हरियाणा में पंजाब से भी ज्यादा सिख महापुरुषों का आगमन रहा है. ऐसे सभी महापुरुषों की निशानियां हमें संरक्षित करनी चाहिए, इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से पिपली में संग्रहालय स्थापित किया जाएगा. इसके लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है. पहले यह संग्रहालय अंबाला में बनाए जाने की योजना थी, लेकिन कुरुक्षेत्र में सिख महापुरुषों के आगमन और संगत को देखते हुए इसे यहां बनाए जाने का निर्णय लिया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि लौहगढ़ में सिख महापुरुष बंदा बहादुर सिंह स्मारक बनाया जा रहा है, जहां देश-दुनिया उनकी बहादुरी से अवगत हो सकेगी. जल्द ही यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने डा प्रभलीन द्वारा लिखित सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से प्रकाशित पुस्तक का विमोचन करते हुए पुस्तक के नाम ‘हरियाणा के सिखों की सेवा में खट्टर’ पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि इस शीर्षक में जातीय भाव झलक रही है, जो सही नहीं है. महापुरुषों ने भी बिना भेदभाव के कार्य करना सिखाया है. उन्होंने कहा कि इसका नाम कुछ ऐसा हो सकता था कि गुरुबाणी की सेवा जो बोले सो निहाल, सेवक बने मनोहर लाल हो सकता है. इस पर लेखक को विचार करना चाहिए, ताकि हर पाठक तक सही संदेश जा जाए. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किसी भी पुस्तक का महत्त्व उसकी बनावट से नहीं बल्कि उसमें लिखी गई सामग्री से होता है. सभागार में बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग मौजूद रहे. सीएम के साथ राज्य मंत्री संदीप सिंह और करनाल के सांसद संजय भाटिया भी मौजूद रहे.