नई दिल्ली: ‘सूरा सो पहचानिएजो लरै दीन के हेतपुरजा-पुरजा कट मरैकबहू ना छाडे खेत!‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत मंडपम में ‘वीर बाल दिवस‘ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गुरु के इस पद को याद करते हुए कहा कि वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए कभी न हार मानने वाले मनोभाव का प्रतीक है. उन्‍होंने कहा कि यह दिन हमें स्‍मरण दिलाता है कि जब वीरता की पराकाष्‍ठा की बात आती है तो उम्र कोई मायने नहीं रखती है. प्रधानमंत्री ने इसे सिख गुरुओं की विरासत का उत्सव बताते हुए कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी और उनके चार वीर साहिबजादों का साहस और आदर्श आज भी हर भारतीय का हौसला बढ़ाते हैं. प्रधानमंत्री ने बाबा मोती राम मेहरा के परिवार के बलिदान और दीवान टोडरमल के समर्पण का स्‍मरण करते हुए कहा कि वीर बाल दिवस उन माताओं के लिए एक राष्ट्रीय श्रद्धांजलि है जिन्होंने अद्वितीय साहस वाले वीरों को जन्म दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरुओं के प्रति यह सच्ची भक्तिराष्ट्र के प्रति समर्पण की ज्वाला को प्रज्वलित करती है.  प्रधानमंत्री ने चमकौर और सरहिंद की लड़ाई के अतुलनीय इतिहास को स्‍मरण करते हुए कहा कि इस इतिहास को भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने याद किया कि कैसे भारतीयों ने क्रूरता और निरंकुशता का गरिमा के साथ सामना किया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत वो देश है जहां नचिकेता जैसा बालकज्ञान की खोज के लिए धरती-आसमान एक कर देता है. भारत वो देश है जहां इतनी कम आयु का अभिमन्युकठोर चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए निकल पड़ता है. भारत वो देश है जहां बालक ध्रुव ऐसी कठोर तपस्या करता है कि आज भी किसी से उसकी तुलना नहीं की जा सकती. भारत वो देश है जहां बालक चंद्रगुप्तकम आयु में ही एक साम्राज्य का नेतृत्व करने की ओर कदम बढ़ा देता है. भारत वो देश है जहां एकलव्य जैसा शिष्यअपने गुरू को दक्षिणा देने के लिए अकल्पनीय कर्म करके दिखा देता है. भारत वो देश है जहां खुदीराम बोसबटुकेश्वर दत्तकनकलता बरुआरानी गाइडिनिल्यू,  बाजी राउत जैसे अनेकों वीरों ने देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने में एक पल भी नहीं सोचा. जिस देश की प्रेरणा इतनी बड़ी होगीउस देश के लिए किसी भी लक्ष्य को पाना असंभव नहीं है. इसलिए मेरा विश्वास आज के बच्चोंआज के नौजवानों पर है. भविष्य़ के भारत के कर्णधार यही बच्चे हैं. अभी यहां जिन बच्चों ने मार्शल आर्ट्स का प्रदर्शन किया है…उनका अद्भुत कौशल दिखाता है कि भारत के वीर बालक-बालिकाओं का सामर्थ्य कितना ज्यादा है. याद रहे कि वीर बाल दिवस मनाने के लिए सरकार नागरिकोंविशेषकर छोटे बच्चों को साहिबजादों के अदम्‍य साहस की कहानी के बारे में जानकारी देने और शिक्षित करने के लिए पूरे देश में भागीदारी कार्यक्रम आयोजित कर रही है. साहिबजादों की जीवन कहानी और बलिदान का विवरण देने वाली एक डिजिटल प्रदर्शनी देश भर के स्कूलों और बाल देखभाल संस्थानों में प्रदर्शित की जाएगी. ‘वीर बाल दिवस‘ पर एक फिल्म भी देशभर में दिखाई जाएगी. साथ हीइंटरैक्टिव क्विज़ जैसी विभिन्न आनलाइन प्रतियोगिताएं भी होंगी जो माईभारत और माईगवपोर्टल के माध्यम से आयोजित की जाएंगी.