उदयपुर: सुपरिचित आलोचक और भक्ति साहित्य के विद्वान प्रो माधव हाड़ा को रजा फाउंडेशन की रजा फेलोशिप देने की घोषणा हुई है. प्रो हाड़ा को यह फेलोशिप भारतीय भक्ति कविता संचयन के लिए दी जा रही है. रजा फाउंडेशन की विज्ञप्ति के अनुसार इस फैलोशिप के तहत प्रोफेसर हाड़ा को शोध एवं अध्ययन हेतु सम्मानजनक राशि दी जाएगी. भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के फेलो रह चुके प्रो माधव हाड़ा उदयपुर के सुखाड़िया विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के अध्यक्ष रहे हैं. हाल ही में राजपाल एंड संज के लिए भक्ति और मध्यकालीन साहित्य के कवियों की एक पुस्तक शृंखला कालजयी कवि और उनका काव्य का संपादन कर उन्होंने खूब चर्चा बटोरी है. कालजयी कवि और उनका काव्य शृंखला के अंतर्गत अब तक अमीर खुसरो, कबीर, तुलसीदास, मीरां और रैदास सहित दो दर्जन महान भारतीय कवियों पर उनकी पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं.

प्रोफेसर डा माधव हाड़ा का जन्म 9 मई, 1958 को हुआ. उन्होंने साहित्य, मीडिया, संस्कृति और इतिहास पर विस्तार से लिखा है. वह साहित्य अकादमी की सामान्य परिषद और हिंदी सलाहकार बोर्ड के सदस्य रह चुके हैं. मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहने के अलावा आप तीस से अधिक वर्षों से राजस्थान सरकार की उच्च शिक्षा सेवा से जुड़े हुए थे. प्रोफेसर हाड़ा को वर्ष 2022 में उनकी आलोचना कृति ‘पचरंग चोला पहर सखी री’ के लिए बिहारी पुरस्कार, मीडिया अध्ययन के लिए भारतेन्दु हरिश्चंद्र पुरस्कार और साहित्यिक आलोचना के लिए देवराज उपाध्याय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. प्रो हाड़ा को रजा फेलोशिप की घोषणा पर सुखाड़िया विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो हेमंत द्विवेदी ने गौरवपूर्ण बताते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है.