देहरादून: ग्राफिक एरा के 21वें अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के दौरान वरिष्ठ कवि डा विष्णु सक्सेना को काव्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया. यूनिवर्सिटी के सिल्वर जुबली कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन आमंत्रित कवियों के साथ चेयरमैन डा कमल घनशाला ने दीप प्रज्वलित करके किया. फिर विष्णु सक्सेना की सरस्वती वंदना से कवि सम्मेलन की शुरुआत हुई. चिराग जैन ने रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े किस्से सुना कर श्रोताओं को लोटपोट कर दिया. उन्होंने सुनाया, “त्याग दी हर कामना, निष्काम बनने के लिए, तीन पहरों तक तपा दिन, शाम बनने के लिए; घर नगर परिवार ममता, प्रेम अपनापन दुलार, राम ने खोया बहुत ‘श्रीराम‘ बनने के लिए. डा प्रवीण शुक्ल ने अपने खास अंदाज में सुनाया, “सारे दीन, दुखियों के राम साथ-साथ हैं, माता-पिता, गुरु को नवाते रोज माथ हैं, सृष्टि के नियंता और काल के भी पार हैं, राम जी ही दिन और राम जी ही रात हैं, ये कहते चंदा तारे, हमारे राम पधारे, अयोध्या धाम पधारे…” डा विष्णु सक्सेना ने पढ़ा, “रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा, एक आई लहर कुछ बचेगा नहीं, तुमने पत्थर का दिल हमको कह तो दिया, पत्थरों पर लिखोगे मिटेगा नहीं…” श्रोताओं के अनुरोध पर उन्होंने सुनाया, “आंख खोली तो तुम रुक्मणी सी दिखीं, बंद की आंख तो राधिका तुम लगीं, जब भी देखा तुम्हें शांत एकांत में, मीराबाई सी इक साधिका तुम लगीं…”
डा कलीम कैसर ने “ये तुम भी देखना व्यभिचारी शासन हार जाएगा, हमारे राम जी से फिर ये रावण हार जायेगा, समर्पण की कोई तुलना नहीं उस प्रेम जोगन के, इसी इक बिंदु पर राधा से मोहन हार जाएगा…” सुनाया तो सुदीप भोला ने “बन गया मंदिर परमानेंट, वहीं बना है जहां लगा था राम लला का टेंट, कारसेवकों ने दिखलाया था अपना टैलेंट, राम लला क़सम निभा दी हमने सौ परसेंट…” प्रताप फौजदार ने “मैंने तरबूज कंधे पर उठाया, अंग्रेज चौंका और फ़रमाया, ये फल नया है ये क्या है, मैंने कहा, हमारा जो भी काम है भरपूर है, अंग्रेज ध्यान से देख, यह हमारे देश का अंगूर है…” और “वफ़ा ईमान की बातें किताबों में ही मिलती हैं, भरोसा रोज मिलता है भरोसा रोज डसता है, ज़मीं वो अन्न पैदा कर वफ़ा जो खून में बोले, भगत सिंह जैसे बेटे को वतन अब भी तरसता है…” काफी पसंद की गईं. कवि सम्मेलन के साथ ही डा कमल घनशाला, सोसाइटी की अध्यक्ष लक्ष्मी घनशाला, उपाध्यक्ष राखी घनशाला ने डा विष्णु सक्सेना को काव्य गौरव सम्मान से सम्मानित करते हुए पुरस्कार स्वरूप डेढ़ लाख रुपए का चैक सौंपा. कवि सम्मेलन में प्रो चांसलर डा राकेश कुमार शर्मा, कुलपति डा नरपिंदर सिंह, कुलपति डा संजय जसोला सहित शहर के गणमान्य व्यक्ति और पदाधिकारी भी मौजूद रहे.