जयपुरः राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान ने प्रेमचंद जयंती श्रृंखला की पहली कड़ी में प्रेमचंद की कहानियों पर चर्चा और समीक्षा कार्यक्रम आयोजित किया. संस्था की सचिव डॉ सुषमा शर्मा ने सभी का अभिनंदन किया और कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा की. उपाध्यक्ष डॉ रेखा गुप्ता ने प्रेमचंद के लेखन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रेमचंद हिंदी और उर्दू साहित्य के लिए ही नहीं वरन देश- दुनिया के सभी साहित्यकारों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं. सहसचिव रेनू शब्द मुखर ने संचालन किया और इस साहित्यिक आयोजन में लेखिकाओं की सक्रिय उपस्थिति के लिए सभी को साधुवाद दिया. उन्होंने कहा कि प्रेमचंद की कहानियों में आम आदमी की अंतरात्मा को जीवंत किया गया है.

कार्यक्रम में साहित्यकार अपर्णा चतुर्वेदी की तीन किताबों ‘गर्विता’, ‘इस तरह’ और ‘राधा कृष्ण भगवान का औरा’ का विमोचन भी हुआ. लगभग 30 लेखिकाओं ने प्रेमचंद के विविध आयामों की बहुत सुंदर ढंग से चर्चा की. कार्यक्रम में डॉ पूनम सेठी, उषा नांगिया, एस भाग्यम, मनोरमा माथुर, पुष्पा माथुर, शशि सक्सेना, डॉ अंजू सक्सेना, कविता मुखर, शशि पाठक, पुष्पा गोस्वामी, चंद्रिका, सरोज चौहान, डॉ धर्मा यादव, डॉ शीताभ, डॉ आभा सिंह, सुशीला शर्मा, प्रीति जैन, स्नेह प्रभा परनामी, सलोनी रस्तोगी, हेमा चंदानी, एकता शर्मा, माधवी आदि ने अपने विचार रखे और प्रेमचंद के संपूर्ण कथा साहित्य, समीक्षा और उनकी कहानियों पर प्रकाश डाला. संस्था की सचिव डॉ सुषमा शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया.