उदयपुर: राजस्थान के साहित्यकारों को समर्पित राजस्थान साहित्य अकादमी ने वर्ष 2024-25 में विभिन्न सहयोग योजनाओं में प्रविष्टियां आमंत्रित की हैं. पांडुलिपि सहयोग, प्रकाशित ग्रंथ सहयोग, पत्र-पत्रिका सहयोग और साहित्यकार आर्थिक सहयोग योजनाओं के लिए प्रांत के साहित्यकार 31 अगस्त तक प्रविष्टियां भिजवा सकते हैं. अकादमी प्रशासक व संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट के मुताबिक अकादमी की वार्षिक योजना अंतर्गत निर्धारित सहयोग योजनाओं में प्रांत के अधिकतम साहित्यकार सहभागी बनें और राजस्थान सरकार की भावना और अकादमी की स्थापना ध्येय के अनुरूप अधिकतम लाभ साहित्यकारों को मिले, यही प्रयास है. अकादमी सचिव डा बसंत सिह सोलंकी ने पत्रकारों को बताया कि ‘पांडुलिपि प्रकाशन सहयोग’ योजना अंतर्गत राजस्थान निवासी सृजनशील साहित्यकारों की पांडुलिपियां आमंत्रित हैं. जिन लेखकों की हिंदी भाषा में पांच या पांच से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं, वे इस योजना में सम्मिलित नहीं हो सकेंगे. जिन लेखकों को इस योजना में दो बार सहयोग प्राप्त हो चुका है वे भी इसमें भागीदारी नहीं कर सकेंगे. पांडुलिपि कम से कम 80 पृष्ठों की स्पष्ट टंकित या ए-4 साईज में कम्प्यूटर टंकित तथा बाइडिंग में होनी आवश्यक है. बाल साहित्य की टंकित पांडुलिपियां कम से कम 40 पृष्ठीय  ए-4 साईज में होनी आवश्यक हैं.

 

सोलंकी ने बताया कि ‘प्रकाशित ग्रंथों पर सहयोग’ योजना वर्ष 2024-25 हेतु राजस्थान निवासी लेखकों से हिंदी भाषा में रचित अथवा अनुदित ग्रंथ आमंत्रित हैं. इस योजना में लेखकों द्वारा रचित अथवा अनूदित तथा स्वयं के व्यय से प्रकाशित साहित्यिक व स्तरीय कृतियों के प्रथम संस्करण को ही सम्मिलित किया जाएगा. संकलनों, स्मारिकाओं तथा वार्षिकियों पर विचार नहीं होगा. इस योजना में गत तीन वर्षों यानी 2021, 2022 और 2023 में प्रकाशित मुद्रित ग्रंथों पर ही विचार होगा.विचारार्थ प्रेष्य पुस्तक की दो प्रतियां, अपेक्षित प्रमाण-पत्र, व्यय के बिल व विवरण पत्र सहित अकादमी कार्यालय में भिजवा सकते हैं. इस योजना में प्रविष्टि हेतु वे ही रचनाकार पात्र होंगे, जिनकी हिंदी भाषा में पांच से कम कृतियां प्रकाशित हैं. जिन लेखकों को इस योजना में दो बार सहयोग प्राप्त हो चुका है, वे भागीदारी नहीं कर सकेंगे.अकादमी सचिव ने बताया कि साहित्यिक पत्र-पत्रिका आर्थिक सहयोग हेतु राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा राजस्थान की हिंदी भाषा की सृजनशील, आलोचनापरक, शोध विषयक पंजीकृत ‘साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं’ को वर्ष 2024-25 में आर्थिक सहयोग दिये जाने के संबंध में प्रविष्टियां आमंत्रित की जा रही हैं. इच्छुक प्रकाशक, संपादक इस योजना के निर्धारित प्रपत्र के साथ पत्रिका की प्रविष्टि (गत एक वर्ष के प्रकाशित अंक) अकादमी कार्यालय में भिजवा सकते हैं. वहीं साहित्यकार आर्थिक सहयोग हेतु भी राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा ‘साहित्यकार संरक्षित तथा सक्रिय साहित्यकार सहयोग’ योजनांतर्गत राजस्थान निवासी हिंदी के साहित्यकारों से वर्ष 2024-25 में आर्थिक सहयोग हेतु विवरण पत्र आमंत्रित करती हैं. सचिव सोलंकी ने बताया कि अकादमी की सम्बद्ध व मान्यता प्राप्त संस्था के पदाधिकारी भी प्रस्ताव भेज सकते हैं. इस योजना के अंतर्गत अकादमी प्रतिवर्ष ऐसे साहित्यकारों को भी जो साहित्य-सृजन में संलग्न हैं अथवा जिन्होंने उल्लेखनीय साहित्य सेवा की है और अब वृद्धावस्था अथवा अन्य कारणों से आर्थिक सहयोग की अपेक्षा रखते हैं, को आर्थिक सहयोग देती है. सचिव सोलंकी ने बताया कि उक्त सभी योजनाओं की प्रविष्टियां व प्रस्ताव भिजवाने की अंतिम तिथि 31 अगस्त, 2024 है. योजनाओं के निर्धारित प्रपत्र और नियम अकादमी कार्यालय तथा अकादमी की वेबसाइट से प्राप्त किए जा सकते हैं.