नई दिल्ली: मंडी हाउस स्थित कमानी सभागार में 19वें महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स ‘मेटा’ के सप्ताह भर चले फेस्टिवल में जूरी द्वारा चयनित नाटकों का मंचन हुआ और पुरस्कार प्रदान किए गए. भारतीय रंगमंच की 13 पुरस्कार श्रेणियों में आन-स्टेज और आफ-स्टेज प्रतिभाओं को सम्मानित करने वाले मेटा ने इस वर्ष असमिया, बांग्ला, अंग्रेजी, हिंदी, हिंदुस्तानी, मलयालम और मराठी जैसी विभिन्न भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली 390 से अधिक प्रविष्टियों को चुना. मेटा  के इस संस्करण  के लिए जूरी में भारतीय थिएटर अभिनेत्री, कास्टिंग निर्देशक और लेखक डाली ठाकोर; प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता कुलभूषण खरबंदा; प्रख्यात निर्देशक, अभिनेता, प्रशंसित नाटककार और लेखक महेश दत्तानी; प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता, संगीतकार, गायक और सेट डिजाइनर रघुवीर यादव; सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फाउंडेशन और सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल की निदेशक स्मृति राजगढ़िया; मशहूर थिएटर और फिल्म अभिनेता विनय पाठक शामिल थे.

मेटा ने लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार मशहूर अभिनेता, निर्देशक और नेशनल स्कूल आफ ड्रामा के पूर्व निदेशक राम गोपाल बजाज को दिया. बजाज के शानदार करियर ने उन्हें कई पुरस्कार दिलाए हैं, जिनमें 1996 में पद्म श्री और नाट्य कला में उनके योगदान के लिए 2003 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार शामिल हैं. ‘रघुनाथ’ ने बेस्ट स्टेज डिजाइन और बेस्ट लाइट डिजाइन के लिए पुरस्कार जीते, जो बिद्युत क्र नाथ और गौतम सैकिया को मिले. बेस्ट साउंड और म्यूजिक डिजाइन ‘डू यू नो दिस सोंग ?’ की चयन अधिकारी बिंदु मालिनी एन के नाम तो बेस्ट कास्टूम  डिजाइन ‘हयवदना’ की मेलोडी डोरकास को मिला.
सहायक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष) और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (महिला) ‘गोपाल उरे एंड को’ के तरुण भट्टाचार्य और निबेदिता मुखोपाध्याय को, तथा ‘हयवदना’ की पल्लवी जाधो के नाम रहा. मुख्य भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष) ‘रघुनाथ’ के बिद्युत क्र नाथ तो मुख्य भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (महिला) ‘डू यू नो दिस सोंग?’ की मल्लिका तंजिया और ‘घंटा घंटा घंटा घंटा घंटा’ की मल्लिका सिंह हंसपाल को मिला. बेस्ट कोरियोग्राफी ‘अग्निसुता द्रौपदी’ की मैसनाम जाय मीतेई और महक, तो बेस्ट एस्सेम्बल ‘हयवदना’, बेस्ट ओरजिनल स्क्रिप्ट और बेस्ट डायरेक्टर ‘रघुनाथ’ के बिद्युत क्र नाथ रहे. सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन का अवार्ड भी ‘रघुनाथ’ को मिला.