नई दिल्ली: “कहते हैं इतिहास हमें भी सीख देता है, हमें प्रेरणा भी देता है. दुनिया में ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जब किसी देश ने, किसी समुदाय ने, समूह ने बड़े सपने, बड़े संकल्पों के साथ एक दिशा में चलना शुरू किया, मिल-जुलकर के चलना शुरू किया और कभी भी लक्ष्य को भूले बिना चलते रहना तय किया और इतिहास गवाह है कि वो सपनों को सिद्ध कर करके ही रहे, उन्होंने हासिल करके दिखाया.” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत मंडपम में आयोजित विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025 को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि आप में से बहुत लोग जानते होंगे, 1930 के दशक में, यानी करीब 100 साल पहले अमेरिका, भीषण आर्थिक संकट में फंस गया था. तब अमेरिका की जनता ने ठाना कि हमें इससे बाहर निकलना है, और तेज गति से आगे बढ़ना है. उन्होंने न्यू डील उसका रास्ता चुना, और अमेरिका ना सिर्फ उस संकट से निकला, बल्कि उसने विकास की रफ्तार को कई गुना तेज करके दिखाया, ज्यादा समय नहीं 100 साल. प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था, जब सिंगापुर बेहाल था, एक मछुआरों को छोटा सा गांव हुआ करता था. वहां जीवन की मूल सुविधाओं तक का संकट था. सिंगापुर को सही नेतृत्व मिला, और जनता के साथ मिलकर के सबने तय किया कि हम अपने देश को विकसित राष्ट्र बनाएंगे. वो नियमों से चले, अनुशासन से चले, सामूहिकता के भाव से चले, और कुछ ही सालों में सिंगापुर, एक ग्लोबल फाइनेंशियल और ट्रेड हब बनकर छा गया. दुनिया में ऐसे बहुत सारे देश हैं, घटनाएं हैं, समाज है, समूह है. हमारे देश में भी अनेक ऐसे उदाहरण रहे हैं, भारत के लोगों ने आजादी का संकल्प लिया. अंग्रेज सल्तनत की ताकत क्या नहीं थी, उनके पास क्या नहीं था, लेकिन देश उठ खड़ा हुआ, आजादी के सपने को जीने लगा, आजादी प्राप्त करने के लिए जूझने लगा, जीवन आहुत करने के लिए निकल पड़ा और भारत के लोगों ने आजादी हासिल करके दिखाई.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बड़े लक्ष्यों की प्राप्ति केवल सरकारी मशीनरी की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसके लिए प्रत्येक नागरिक का सामूहिक प्रयास आवश्यक है. उन्होंने राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करने में विचार-विमर्श, दिशा और स्वामित्व के महत्व पर प्रकाश डाला. प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत युवा नेता संवाद इस प्रक्रिया का उदाहरण है, जिसका नेतृत्व उन युवाओं ने किया जिन्होंने क्विज, निबंध प्रतियोगिताओं और प्रस्तुतियों में भाग लिया. उन्होंने विकसित भारत के लक्ष्य का स्वामित्व लेने के लिए युवाओं की सराहना की, जैसा कि जारी की गई निबंध की पुस्तक और उनके द्वारा समीक्षा की गई दस प्रस्तुतियों में परिलक्षित होता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं द्वारा सुझाये गए समाधान वास्तविकता और अनुभव पर आधारित हैं, जो देश के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में उनकी व्यापक समझ को प्रदर्शित करते हैं. उन्होंने युवाओं की व्यापक सोच और विशेषज्ञों, मंत्रियों एवं नीति निर्माताओं के साथ चर्चा में सक्रिय भागीदारी के लिए उनकी सराहना की. प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि युवा नेता संवाद में प्रस्तुत विचार एवं सुझाव अब देश के विकास का मार्गदर्शन करने वाली राष्ट्रीय नीतियों का हिस्सा बनेंगे. उन्होंने युवाओं को बधाई दी और एक लाख नए युवाओं को राजनीति में लाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्हें अपने सुझावों को लागू करने में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया. विकसित भारत के अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने इसकी आर्थिक, सामरिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक शक्ति पर जोर दिया. प्रधानमंत्री ने दस विषयों पर प्रतिभागियों द्वारा लिखे गए सर्वश्रेष्ठ निबंधों का एक संकलन भी जारी किया. इन विषयों में प्रौद्योगिकी, स्थिरता, महिला सशक्तीकरण, मैन्युफैक्चरिंग और कृषि जैसे विविध क्षेत्र शामिल हैं.