नई दिल्ली: पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया के भारतीय भाषा प्रभाग ने नए इम्प्रिंट पेंगुइन स्वदेश की घोषणा की है जो भारतीय भाषाओं की पुस्तकों के प्रकाशन को समर्पित है. सामान्य तौर पर अंग्रेजी के बड़े और चर्चित चेहरों को प्रकाशित करने वाले इस प्रकाशन समूह ने वैशाली माथुर के निर्देशन में ‘पेंगुइन स्वदेश‘ के तहत अनेक प्रसिद्ध और नए लेखकों की मौलिक और अनूदित किताबों का प्रकाशन कर रहा है. इस नए इम्प्रिंट के बारे में वैशाली माथुर का कहना है कि पेंगुइन स्वदेश भारतीय भाषाओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है. इस इम्प्रिंट के साथ हम वैश्विक और भारतीय साहित्य की बेहतरीन रचनाओं को कुछ इस तरह से साथ ला रहे हैं जो हमारे राज्यों और विभिन्न संस्कृतियों के बीच की दूरी को कम करती हैं. हम उन स्वरों और अभिव्यक्तियों को मंच देने और प्रकाशित करने के लिए काफी उत्साहित हैं जो अभी तक अपने-अपने भौगोलिक दायरों में सिमटी हुईं थीं. पेंगुइन स्वेदश का उद्देश्य व्यापक पाठक वर्ग की ज़रूरतों को पूरा करना और यह सुनिश्चित करना है कि समृद्ध भारतीय साहित्य की पहुंच उन तक हो सके. इस पब्लिशिंग डिविज़न के अंदर प्रसिद्ध लेखकों की लिखी कालजयी रचनाएं शामिल हैं जिनमें प्रेमचंदअमृता प्रीतमआचार्य चतुरसेन शास्त्रीकृश्न चंदरगुरुदत्तनरेंद्र कोहलीमुल्कराज आनंदतिक न्यात हन्हदत्त भारतीसुरेंद्र मोहन पाठकगौर गोपाल दाससद्गुरुओशो और इंदिरा नूयी जैसे नाम शामिल हैं. इस सूची में हरिवंश राय बच्चन और गोपाल दास नीरज जैसे मशहूर कवि भी शामिल हैं.

माथुर के अनुसार पेंगुइन स्वेदश भारत की साहित्यिक धरोहर को समृद्ध और उसे संरक्षण करने की दिशा में पेंगुइन की व्यापक प्रतिबद्धता का हिस्सा है और वह विभिन्न भारतीय भाषाओं और अनुवाद के ज़रिए अंग्रेजी की पुस्तकों को विभिन्न भारतीय भाषाओं में पहुंचाने के प्रति कृत-संकल्प है. हिंदी और मराठी भाषा पर ख़ास ध्यान देते हुए यह इम्प्रिंट हर साल 50 नई पुस्तकों का प्रकाशन करता है और इसने 450 से ज्यादा पुस्तकों का एक एक वृहत संग्रह तैयार कर लिया है. यह पहल कुछ इस तरीके से एक विराट वट वृक्ष का आकार लेती गई है जिसमें विविध श्रेणियों में साहित्यिककथेतरलोकप्रिय साहित्यसेल्फ़-हेल्पअध्यात्मबिज़नेस और बाल साहित्य आदि विधाओं की पुस्तकों का प्रकाशन किया जा रहा है.  पेंगुइन स्वेदश के बारे में पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया के प्रोडक्टसेल्स और बिज़नेस डेवलपमेंट के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट नंदन झा का कहना है कि हमारे देश में जिस तरह की विविधता हैउसमें क्षेत्रीय भाषाओं और वहां के साहित्य से पुस्तकों को प्रकाशित करनाउनके लेखकों को दुनिया के सामने लाना और उनके पाठक संसार में बढ़ोत्तरी करना महत्त्वपूर्ण है. मौलिक किताबों का प्रकाशन और एक-दूसरी भाषा में उसका अनुवाद कर पेंगुइन स्वदेश हमारे स्थानीय साहित्य को मजबूत करने का काम करेगा. हमारा वितरण तंत्र लोगों के बीच इन किताबों की पहुंच को और मजबूत करेगा और हमारी सोशल मीडिया पहुंच हमारे साहित्य से नए पाठकों को जोड़ने का काम करेगी. हम बहुत भरोसे के साथ लोगों के पाठकीय अनुभव को समृद्ध करने के इरादे से इस इम्प्रिंट को ला रहे हैं और एक ऐसा महत्त्वाकांक्षी कैटलॉग ला रहे हैंजो हमारे देश की सांस्कृतिक विविधता और साहित्यिक पृष्ठभूमि को परिलक्षित करेगी.