पटना: पुस्तकप्रेमियों की संख्या के चलते देश भर में चर्चित स्थानीय गांधी मैदान में लगने वाला सीआरडी पटना पुस्तक मेला का शुभारंभ हो गया है. इस मेले में पुस्तकप्रेमियों के उत्साह का आलम यह है कि विधिवत उद्घाटन से पहले ही स्कूली बच्चे और पुस्तक प्रेमी मेला स्थल पर घूमने लगे थे. यह मेला 12 दिसंबर तक चलेगा. मेले का शुभारंभ पद्मश्री से सम्मानित नारी गुंजन संस्था की सुधा वर्गीज, गाइनोकोलाजिस्ट डा शांति राय, स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त सचिव आईएएस अलंकृता पांडे और पुस्तक मेले की प्राथमिक सदस्य रहीं इंदु देवी ने किया. इस अवसर पर अपने वक्तव्य में डा शांति राय ने कहा कि जन साधारण को अच्छाई की ओर ले जाने की क्षमता किताबों में होती है. पुस्तक प्रेमियों को इस मेले का इंतजार रहता है. स्वयं उन्हें भी किताब पढ़ना पसंद है और वे भी इस पुस्तक मेले का पूरे वर्ष भर इंतजार करती है. सुधा वर्गीज ने कहा कि हम महिलाओं के खिलाफ हो रहे हिंसा विरोध करती हैं. पिछले 35 सालों से मैं दलित और महादलित समुदाय के लिए कार्य कर रही हूं. अभी मांझी समुदाय के साथ काम कर रही हूं. दो हास्टल और विशेष स्कूल चलाये जा रहे हैं जिसमें 3000 से ज्यादा छात्राएं पढ़ रही हैं. शिक्षा से ही बदलाव होगा.
इस अवसर पर आईएएस अधिकारी अलंकृता पांडे ने कहा कि स्त्री और पुरुष समाज रूपी साइकिल के दो पहिये हैं. उन्होंने गंगूबाई का डायलाग याद करते हुए कहा कि हमारे अंदर काली, लक्ष्मी, सरस्वती तीनों होती हैं, तो हममें कोई कमी नहीं है. मेले का थीम स्त्री नेतृत्व है, लेकिन इसमें हमें पुरुषों के योगदान को भी शामिल करना चाहिए, जिन्होंने महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य किया है. इससे समानता की बात होती. आज भी महिलाएं घर और बाहर बखूबी संभाल रही हैं, ऐसे में उन्हें पति के साथ परिवार और समाज का भी सहयोग मिलना चाहिए. उद्घाटन सत्र के बाद नारी गुंजन संस्था की सातवीं, आठवीं और नौवीं कक्षा की छात्राओं ने सुमधुर गीत गाकर सबका मन मोह लिया. इन छात्राओं ने जो गीत गाए, उनके बोल थे, ‘बेटी को दो बेटों सा प्यार ताकि जीवन में आये बहार‘ और दूसरी प्रस्तुति थी, ‘शिक्षा एक अनमोल रत्न है, दूं संदेशा गली-गली‘. इस अवसर पर पुस्तकप्रेमी, लेखक और प्रकाशकों के साथ मेला आयोजन समिति और अन्य गणमान्य लोगों में रेखा भारती, अमिता झा, रत्नेश्वर कुमार सिंह, श्वेता, रूबी आदि मौजूद उपस्थित थे.