साहित्य और संस्कृति एक दूसरे के पूरक हैं; साहित्य के माध्यम से संस्कृति जन-जन तक पहुंचती है: मनमोहन शर्मा
सोलन: "साहित्य और संस्कृति एक दूसरे के पूरक हैं तथा साहित्य के माध्यम से संस्कृति जन-जन तक पहुंचती है." यह बात उपायुक्त [...]
उनके लेखन में बहुलता और विविधता की आभा थी: मनोहर श्याम जोशी स्मृति व्याख्यानमाला में प्रो अनुपम जोशी
नई दिल्लीः "मनोहर श्याम जोशी मूलतः प्रश्नाकुल लेखक थे, जिन्होंने कभी साहस का साथ नहीं छोड़ा. आज के समय में लेखकों में [...]
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पहल पर सुप्रीम कोर्ट परिसर में फिल्म ‘लापता लेडीज’ का विशेष प्रसारण
नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पहल पर सुप्रीम कोर्ट के संचार प्रभाग ने उच्चतम न्यायालय [...]
पुस्तकें मनुष्य की कल्पना शक्ति को नई उड़ान देने के साथ ही ज्ञान का विस्तार करती हैं: कुलपति प्रो राजबीर सिंह
रोहतक: विश्वविद्यालय समुदाय में पुस्तक पठन-पाठन की संस्कृति विकसित करने, विद्यार्थियों में पुस्तक-प्रेम जागृत करने तथा विद्यार्थियों को सृजनात्मक लेखन के [...]
मुंशी प्रेमचंद ने आम आवाम की समस्या को ही अपने लेखन का मूल विषय बनाया, कथा सम्राट के कृतित्व पर परिचर्चा
पूर्णिया: स्थानीय सूर्य नारायण सिंह यादव महाविद्यालय के सभा सदन में कथा सम्राट 'मुंशी प्रेमचंद की 144वीं जयंती' के अवसर पर प्रगतिशील लेखक [...]
सांस्कृतिक, साहित्यिक विरासत का संवर्धन, संरक्षण करने में युवा और छात्र अपना योगदान दें: कुलसचिव शक्ति जैन
सागर: स्थानीय शासकीय कला एवं वाणिज्य अग्रणी महाविद्यालय में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जयंती मनाई गई. मुख्य अतिथि रानी अवंतीबाई [...]
साहित्यकार समाज में जन के मन की बात लिखें और समाज को जागरूक करने का प्रयास करें: डा अजय पाठक
नाहन: शंखनाद सामाजिक संगठन द्वारा हिमाचल निर्माता डा यशवंत सिंह परमार की जयंती पर एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया [...]
डा अमरनाथ की कृति ‘आजाद भारत के असली सितारे’ का लोकार्पण, पुस्तक 59 नायकों के जीवन-संघर्ष को बयान करती है
नई दिल्ली: राजधानी के इंडिया हैबिटेड सेंटर में प्रवासी संसार फाउंडेशन ने डा अमरनाथ की नई पुस्तक 'आजाद भारत के असली [...]
काल संवाहक है नंद चतुर्वेदी की कविता: नंद चतुर्वेदी रचनावली के चार खंडों के लोकार्पण अवसर पर नंदकिशोर आचार्य
उदयपुर: "नंद बाबू आधुनिक कविता के पुरोधा थे, वे समाजवादी कार्यकर्ता थे, किंतु उनकी कविता राजनीतिक एजेंडे के बजाए समय और परिस्थितियों के [...]
सभ्यता-समीक्षा की 72 साल पुरानी वैचारिक त्रैमासिकी ‘आलोचना’ का डिजीटल संस्करण युवाओं को जोड़ेगा: अशोक महेश्वरी
नई दिल्ली: पिछले सात दशक से भी अधिक समय से हिंदी की चर्चित त्रैमासिक पत्रिका 'आलोचना' अब डिजीटल संस्करण में भी उपलब्ध [...]
मैथिलीशरण गुप्त आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रतिनिधि: राष्ट्रकवि की 124वीं जयंती पर कई जगह कार्यक्रम, विचार गोष्ठी
जमुईः मैथिलीशरण गुप्त की 124वीं जयंती पर केकेएम कालेज के हिंदी विभाग के तत्वावधान में एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई. [...]
महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी एवं हिंदी साहित्य भारती के कार्यक्रम में बूढ़ी काकी सहित कई कहानियों की नाट्य प्रस्तुति
मुंबई: महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी एवं हिंदी साहित्य भारती के संयुक्त तत्वावधान में नवी मुंबई स्थित क्राइस्ट एकेडमी एंड [...]