भोपाल: “भारतीय प्रजातंत्र में जनजाति इंसान के शरीर की रीड की हड्डी के बराबर है. जनजाति भारतीय संस्कृति और भारतीय प्रजातंत्र को संयम देती है, बल देती है और मजबूती से खड़े होने का बल देती है. भारत की पहचान जनजाति संस्कृति है.” उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यह बात विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा डिंडोरी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही. उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें सिकल सेल की बीमारी से प्रभावित लोगों को हर संभव सहारा देना होगा, ताकि उनका सामाजिक जीवन सार्थक बने और वे स्वयं को समाज के अंग के रूप में देखें. इस रोग के बारे में व्याप्त भ्रामक दुष्प्रचार को रोकने पर बल देते हुए उन्होंने सभी से इस विषय में सकारात्मक रवैया अपनाने की अपील की. धनखड़ ने कहा कि जो इस रोग से पीड़ित हैं, उनके प्रति हमारी विशेष जिम्मेदारी है. उपराष्ट्रपति ने आह्वान किया कि आइए हम भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ, समावेशी समाज का निर्माण करने के लिए करुणा और दृढ़ संकल्प के साथ मिलकर अपना कर्तव्य निभाएं. राष्ट्र निर्माण में जनजातियों के योगदान का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय प्रजातंत्र में जनजातियों का वही स्थान है जो मानव शरीर में रीढ़ की हड्डी का है क्योंकि जनजातियां भारतीय संस्कृति और प्रजातंत्र को स्थायित्व और मजबूती से खड़े होने का बल देती हैं.
जनजातियों के विकास के प्रति समर्पण और संकल्प पर बल देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के इतिहास में वह दिन स्वर्ण अक्षरों में लिख गया जिस दिन भारत की राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मु ने शपथ ली थी. भारत की पहचान में आपका बहुत बड़ा योगदान है और इसी वजह से भारत के प्रधानमंत्री ने दो बड़े संकल्प लिए हैं. पहला, भारत जहां दुनिया का एक छठा हिस्सा रहता है जब वह आजादी की शताब्दी बनाएगा 2047 में तो भारत विकसित राष्ट्र होगा और विकसित राष्ट्र की पहचान होगी सिकल सेल बीमारी का पूर्ण उन्मूलन. जनजाति संस्कृति को भारत की पहचान बताते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में जनजातियों का बहुत बड़ा योगदान है. उपराष्ट्रपति ने डिंडोरी और आसपास के क्षेत्रों की समृद्ध जैव विविधता, हर्बल और पारंपरिक औषधीय ज्ञान की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति निवास में भी हर्बल गार्डन बनाने की बात कही. इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई सी पटेल, प्रदेश के मुख्यमंत्री डा मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री राजेश शुक्ला, मध्य प्रदेश के श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, सिकल सेल के क्षेत्र कार्य कर रहे चिकित्साकर्मी और शोधकर्ता एवं अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे.