चंद्रपुर: छत्तीसगढ़ के चंद्रपुर महोत्सव में एक भव्य कवि सम्मेलन आयोजित हुआ. जिसमें कवि-युगल सौरभ जैन सुमन एवं डा अनामिका जैन अंबर के साथ गीतकार स्वयं श्रीवास्तव,प्रबुद्ध सौरभ एवं लाफ्टर फेम हिमांशु बवंडर को छत्तीसगढ़ काव्य सम्मान प्रदान किया गया. सिद्ध पीठ मां चंद्रहासिनी तीर्थ पर हुए इस काव्योत्सव अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भी भव्य आयोजन हुआ. समारोह में चंद्रपुर के काव्य रसिक श्रोताओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति थी. अनामिका जैन अंबर ने अपने नए गीत, ‘राम का सूर्य तिलक और राम भक्त ही राज करेगा दिल्ली के सिंहासन पर…‘ से श्रोताओं को चुनावी रंग में रंग दिया. उन्होंने प्रेम में डूबी कविता भी पढ़ी, जिसके बोल थे, ‘मोहब्बत के सफ़र को एक हंसी आगाज दे देना, मेरा कल मुस्कुरा उठे तुम ऐसा आज दे देना, वफाएं देख लेना तुम तुम्हारी प्यार की खातिर, चली आऊंगी मैं सब छोड़ कर आवाज दे देना…‘ तो दर्शक वाहवाह कर उठे. मंदिर न्यास की ओर से न्यासी एवं कोषाध्यक्ष अजीत पाण्डेय ने मंच संचालित किया.
मंच संचालन के दौरान उन्होंने पद्मश्री से सम्मानित मुकुटधर पाण्डेय की ये पंक्तियां भी पढ़ीं, ‘बतलाओ, वह कौन है जिसको कवि कहता सारा संसार? रख देता शब्दों को क्रम से, घटा-बढ़ा जो किसी प्रकार…‘ सौरभ जैन सुमन ने कहा कि मैं योगी के प्रदेश से आता हूं. जिसने अराजकता के विरुद्ध बुलडोजर को अपना हथियार बनाया. आज उत्तर प्रदेश भारत के सर्वाधिक उन्नत प्रदेशों में एक है क्योंकि उनके पास योगी हैं. सुमन ने जब यह मुक्तक सुनाया, जिसके बोल थे, ‘एक बार कश्मीर भी दे दो योगी को..‘ तो देर तक न केवल तालियां बजती रहीं, बल्कि भारत माता की जय के जयघोष भी हुए. प्रबुद्ध सौरभ ने पढ़ा, ‘मिरी आंखों से हिजरत का वो मंजर क्यों नहीं जाता, बिछड़ कर भी बिछड़ जाने का ये डर क्यों नहीं जाता, अगर ये जख़्म भरना है तो फिर भर क्यों नहीं जाता, अगर ये जान-लेवा है तो मैं मर क्यों नहीं जाता, अगर तू दोस्त है तो फिर ये ख़ंजर क्यों है हाथों में, अगर दुश्मन है तो आख़िर मिरा सर क्यों नहीं जाता.‘ हास्य कवि हिमांशु बवंडर ने अपनी रचनाओं से हंसाया, तो स्वयं श्रीवास्तव ने पढ़ा, ‘हम सोचने लगे कि यार लौट चले क्या.. फिर सोचा यार छोड़ो चल पड़े तो चल पड़े…‘