नई दिल्ली: जी-20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने केंद्रीय साहित्य अकादेमी के सहयोग से एक कविता संचयन का प्रकाशन किया है, जिसका नाम है, ‘अंडर द सेम स्काई‘. इस संचयन में जी-20 के भारत सहित कुल 20 सदस्य देश और नौ आमंत्रित देशों के रचनाकारों की कविताएं संकलित हैं. साहित्य अकादेमी के सचिव डा के श्रीनिवासराव के मुताबिक प्रख्यात भारतीय कवि, अनुवादक और निबंधकार रंजीत होसकोटे द्वारा संपादित यह कविता संचयन विभिन्न स्थानों, शैलियों, पीढ़ियों और इतिहास से जुड़े 29 कवियों को एक साथ एक मंच पर लाता है. इस संचयन में एक कविता ऐसी है जिसे दो कवियों ने लिखा है. दुनिया की 17 भाषाओं का प्रतिनिधित्व करते इस संचयन में बांग्ला, पुर्तगाली, स्पेनिश, अंग्रेजी, फ्रेंच, चीनी, स्लोवेनियाई, जर्मन, जापानी, कोरियाई, रूसी, अरबी, ज़िट्सोंगा, तुर्की, बहासा इंडोनेशिया, डच और बहासा मेलायु भाषाओं की कविताएं अपनी मूल भाषा में अंग्रेजी अनुवाद के साथ शामिल हैं.
डा श्रीनिवासराव के मुताबिक इस पुस्तक में प्रत्येक देश की एक कविता को चुना गया है. भारतीय कवि के रूप में रवींद्रनाथ टैगोर की गीतांजलि से 35 नंबर का गीत लिया गया है. जिन कवियों की कविताएं इसमें प्रस्तुत की गई हैं वे अपने-अपने देश और वहां की साहित्यिक परंपराओं के दिग्गज हैं. संचयन में कुछ युवा, समकालीन कवि भी शामिल हैं जिनकी रचनाएं वैश्विक वर्तमान की तात्कालिकता की गवाही देती हैं. जिन कवियों और अनुवादकों ने इस खंड में योगदान दिया है, वे भौगोलिक दृष्टि से, पृथ्वी के छह महाद्वीपों- एशिया, अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका से संबंधित हैं और एक पृथ्वी, एक परिवार एवं एक भविष्य की थीम का सच्चा प्रतिनिधित्व करते हैं. उल्लेखनीय है कि जी-20 में भारत समेत 19 देश और यूरोपीय संघ के सदस्य देश शामिल हैं.