नई दिल्ली: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा की अगुआई में संबंधित राज्य सरकारों को पत्र लिखकर सिख भाषा के रूप में लोकप्रिय गुरुमुखी, इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है. आयोग सिख समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और राज्यों में समावेशिता को बढ़ावा देने में इन पहलों के महत्त्व पर जोर देता है. पत्र में इकबाल सिंह लालपुरा ने सिख हितों के एकीकरण और समुदाय के उत्थान को सुगम बनाने के लिए प्रत्येक राज्य में सिख विकास बोर्ड की स्थापना की आवश्यकता पर प्रकाश डाला.

लालपुरा ने अपने पत्र के माध्यम से राज्य सरकारों से अनुरोध किया कि वे विद्यालयों में गुरुमुखी के शिक्षकों की नियुक्ति करें और प्रमुख संस्थानों में सिख समुदाय का बेहतर प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करें. इसके अतिरिक्त अल्पसंख्यक आयोग सिख समुदाय के पारंपरिक व्यवसायों को संरक्षित करने के महत्त्व पर जोर देता है, साथ ही उन्हें आधुनिक बनाने के लिए भी ताकि समुदाय के सदस्यों के लिए आर्थिक विकास और बेहतर रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जा सकें. पत्र में राज्यों की व्यापक सामाजिक-आर्थिक नीतियों में सिख संस्कृति, परंपराओं और योगदान को शामिल करने का भी आह्वान किया गया है.