पटनाः कवि बाबा नागार्जुन और मध्य काल के लोक कवि संत कबीर दास की जयंती सह मासिक कवि गोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय कवि संगम दरभंगा जिला इकाई के तत्वावधान में हुआ. यह आयोजन कवि विनोद कुमार हसौड़ा के आवास लक्ष्मी सागर रोड पर किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रमंडलीय प्रभारी सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि आज संत कबीर की 625 वी जयंती है, तो बाबा नागार्जुन की भी 112वी जयंती है. ये दोनों सत्य के साधक और समाज को जगाने वाले प्रखर कवि थे. हसौड़ा ने कहा कि बाबा नागार्जुन और कबीर दास दोनों से जुड़े शुभ दिन पर कविता की ताकत पता चलती है. कबीर दास की गरीबी में पली-बढ़ी वाणी में अमृत मढ़ा था, और समाज उन्हें देवदूत मानता है. इसी तरह बाबा नागार्जुन समाज में गरीब गुरबों और न्याय की आवाज थे. याद रहे कि अंग्रेजी तिथि से बाबा नागार्जुन की जयंती जून की 30 तारीख को मनाई जाती है, पर हिंदी तिथि से 1911 ईसवी की ज्येष्ठ पूर्णिमा को उनका जन्म मधुबनी जिले के सतलखा में अपने ननिहाल में हुआ था.
इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन का संचालन डॉक्टर चन्द्र मोहन पोद्दार ने किया. कुमार अनुराग, वैद्यनाथ पोद्दार, दीपक झा, अशोक पासवान आदि ने कविता पाठ किया. . उधर आरा के जय भोजपुरी समाज ने कबीर जयंती और भोजपुरी दिवस मनाया. कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार समाज सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजू ओझा ने की. इस अवसर पर आयोजित परिचर्चा का संचालन जय भोजपुरी समाज के राजू ओझा ने किया. परिचर्चा में भोजपुरी समाज से जुड़े लोग विभिन्न जगहों से ऑनलाइन शामिल हुए. मनोज कुमार अग्रवाल, डॉ जौहर साफियावादी, कुमार अजय सिंह, गजेन्द्र ओझा, अशोक आदि ने कबीरदास के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला. इस मौके पर गायत्री ठाकुर के गीत की प्रस्तुति ईश्वर दत्त पाण्डेय, रामबहादुर राय, सियाराम तिवारी ने की, तो भूपेश कुमार, अमित उपाध्याय और रतन ओझा ने भी अपनी प्रस्तुति दी.