नई दिल्ली: देश के पहले प्रधानमंत्री पं जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर मनाए जाने वाले बाल दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत ने चित्रकारी व निबंध-लेखन प्रतियोगिता और बाल साहित्यकारों से ‘मेरी सपनों की दुनिया: बाल दिवस’ विषय पर संवाद का आयोजन किया. यह कार्यक्रम गंगा पुस्तक परिक्रमा के दूसरे संस्करण के दौरान ऋषिकेश में दिव्य प्रेम सेवा मिशन द्वारा संचालित वंदेमातरम कुंज, तलला गंगाभोगपुर अनाथ आश्रम में किया गया. इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में बाल साहित्यकार प्रबोद उनियाल्र, हेमू भट्ट, महेश चिटकारिया और शशि भूषण बडोनी आमंत्रित थे. कार्यक्रम के आरंभ में दिव्य प्रेम सेवा मिशन के प्रबंधक उमा शंकर और सह संयोजक प्रशांत खरे ने राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत की गंगा सचल पुस्तक प्रदर्शनी वैन का रिबन काटकर इसे बच्चों के लिए खोला. इसमें एनबीटी द्वारा प्रकाशित बहुभाषी पुस्तकों का संग्रह उपलब्ध है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक आयु वर्ग के अनुसार पुस्तकें हैं. इस पुस्तक प्रदर्शनी में बच्चों ने अपनी रुचि के अनुसार पुस्तकें पढ़ीं.
कार्यक्रम में शामिल बच्चों ने चित्रकारी व निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया. साहित्यकार शशि भूषण बडोनी ने जल संरक्षण विषय पर बच्चों को एक कहानी सुनाई. साहित्यकारों ने ‘मेरी सपनों की दुनिया: बाल दिवस’ विषय पर बच्चों से संवाद किया. कार्यक्रम के दौरान गंगा संरक्षण तथा समाज व संस्कृति पर पड़ने वाले उसके प्रभाव पर साहित्यिक चर्चा करके बच्चों का मनोबल भी बढ़ाया गया. अंत में मुख्य अतिथि द्वारा
चित्रकारी एवं निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को न्यास की पुस्तकें भेंट स्वरूप दी गईं. लगभग 300 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी एनबीटी की ‘गंगा सचल पुस्तक प्रदर्शनी’ वैन 5 नवंबर को देवभूमि हरिद्वार के चंडीघाट पर पहुंचेगी. गंगा के परिदृश्य में संस्कृति और साहित्य के अद्भुत संगम को इस सचल पुस्तक प्रदर्शनी का विषय बनाया गया है, जिसमें ‘गंगा किनारे, गंगा की बातें’ के माध्यम से गंगा संरक्षण के प्रति स्थानीय लोगों व पर्यटकों को जागरूक करने व आधुनिक युग के युवाओं व बच्चों में पुस्तकें पढ़ने की परंपरा को बनाए रखने का लक्ष्य है.