सहरसा: अखिल भारतीय साहित्य परिषद के उपाध्यक्ष और हास्य व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर साहित्यकार एमजेड खान ‘झंझट‘ नहीं रहे. परिषद के महासचिव आनंद झा मुरादपुरी ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने पर खान को निजी चिकत्सालय में भर्ती कराया गयालेकिन कोशिश के बावजूद भी उनकी जान नहीं बच पाई. अध्यक्ष अवधेश झा ‘अवध‘ ने इसे परिषद परिवार और साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताई. उन्होंने बताया कि झंझट अखिल भारतीय साहित्य परिषद में पुराने दिनों से सक्रिय थे. रेलवे में नौकरी करते हुए भी वे साहित्य के लिए समर्पित रहते थे.

सहरसा में हाल ही में होली मिलन समारोह में उनकी सक्रिय भूमिका थी. उपाध्यक्ष श्यामानंद लाल दास सहर्ष ने कहा कि  उनमें छोटी-छोटी बातों को हास्य में प्रस्तुत करने की अद्भुत कला विद्यमान थी. उनके जाने से साहित्य का यह कोना अधूरा रह जायेगा. संरक्षक डा केएस ओझा ने बताया कि हंसाते-हंसाते वो सबको रूला कर चले गए. संरक्षक डा राणा जयराम सिंह ने कहा कि वो परिषद के मजबूत स्तंभ थे और उनकी भरपाई असंभव है. मौके पर साहित्यकार और परिषद के पदाधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान क्लब के सचिव उदय गुप्तासंजय सिंह गहरवारमयंक गुप्तारोहित श्रीवास्तवमुकेश जायसवालरवि कुमार आदि मौजूद थे.