खटीमा: स्थानीय राणा प्रताप इंटर कालेज के सोबन सिंह जीना सभागार में मूर्धन्य बाल साहित्यकार डा राज किशोर सक्सेना ‘राज‘ की स्मृति में संस्मरण एवं स्मृति कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ. उत्तराखंड बाल कल्याण साहित्य संस्थान ने लायंस क्लब, पूर्वांचल सेवा समिति, माडर्न यूटोपियन समिति, संस्कार भारती, अग्रवाल महासभा, कायस्थ महासभा तथा अन्य संस्थाओं के सहयोग से राज सक्सेना ‘राज‘ की यादों को एक तरह से जीवंत कर दिया. विभिन्न संस्थाओं के साहित्यकारों और विशिष्ट व्यक्तियों ने राज के साथ बिताए संस्मरण को प्रस्तुत किया और उन्हें नमन किया. उत्तराखंड बाल कल्याण साहित्य संस्थान के महा-संरक्षक डाक्टर आरसी रस्तोगी ने कहा कि ‘डा राज सक्सेना खटीमा में साहित्य की धारा बहाने वाले प्रथम रचनाकार थे. बाल साहित्य में उनकी यात्रा मील का पत्थर साबित हुई है. संचालक महेंद्र प्रताप पांडे ‘नंद‘ ने डाक्टर राज सक्सेना के व्यक्तित्व तथा साहित्यिक अवदान पर अपने विचार प्रस्तुत किए और उनके द्वारा प्राप्त सम्मानों की जानकारी दी.
राणा प्रताप इंटर कालेज के प्रबंधक गीता राम बंसल ने राज सक्सेना के मानवीय पक्ष पर जोर देते हुए कहा कि ‘राज सक्सेना ने सामाजिक सरोकारों को बढ़ाने तथा खटीमा के साहित्यिक परिवेश के संवर्धन में अद्वितीय कार्य किया है. इस अवसर पर राज सक्सेना की लिखित कविताओं का पाठ करते हुए कवि गोष्ठी संपन्न हुई. इस दौरान डा नीलम पांडे ‘नीलिमा‘, कैलाश चंद्र पांडे, आकाश प्रभाकर, नजीर अहमद ‘नजर‘, डाक्टर प्रशांत जोशी, त्रिलोचन जोशी ‘टीसी गुरु‘, रामचंद्र दद्दा ‘प्रेमी‘, डा रूपचंद्र शास्त्री ‘मयंक‘, डा इलियास अहमद सिद्दीकी, रविंद्र पांडे ‘पपीहा‘, अमन अग्रवाल मारवाड़ी, शायर तकी हनफी ने ‘राज‘ की कविताओं का पाठ कर उन्हें याद किया. डाक्टर राज सक्सेना ‘राज‘ के पुत्र अमित सक्सेना, श्यामवीर सिंह ‘चातक‘, एडवोकेट नरेश चंद्र तिवारी, पूरन बिष्ट, सुनील रैदानी, हरीश शर्मा, शरद कुमार सक्सेना, बीएस मेहता, नंदन सिंह खड़ायत, शिव भगवान मिश्र, एडवोकेट हरीश जोशी, ठाकुर सिंह खाती, प्रमोद सक्सेना, बाल कृष्ण थापा आदि ने अपने संस्मरण साझा किए. संस्था के सचिव हरीश शर्मा ने सबका आभार व्यक्त किया और आने वाले समय की कार्ययोजना के बारे में बताया.