प्रयागराज: “कुंभ मेला भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विविधताओं का ऐसा उत्सव है, जो पूरे विश्व को भारत की समृद्ध विरासत और एकता का परिचय कराता है. यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की शक्ति, क्षमता और भव्यता को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करेगा.” केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने महाकुंभ मेले के नागवासुकी क्षेत्र में बने भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के केंद्र ‘कलाग्राम’ का लोकार्पण और उद्घाटन करते हुए यह बात कही. शेखावत ने कहा कि कुंभ दुनिया के सबसे बड़े मेलों में से एक है. विविधता से भरे भारत की एकता के प्रतीक कुंभ में पूरे भारत का विराट स्वरूप दिखाई देगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय ने कुंभ को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं. इस बार 15 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक कुंभ देखने आएंगे. इन विदेशी मेहमानों के लिए पर्यटन मंत्रालय ने एक टेंट सिटी तैयार की है, जिसमें आयुर्वेद, योग और पंचकर्म जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. शेखावत ने कहा कि कलाग्राम महाकुंभ 2025 का एक मुख्य आकर्षण है, जहां चार धामों का मंच प्रदर्शन, 12 ज्योतिर्लिंगों का भव्य प्रवेश द्वार, अविरल शाश्वत कुंभ प्रदर्शनी, 7 क्षेत्रीय संस्कृति आंगन में सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन हो रहा है. उन्होंने कहा कि अनुभूति मंडपम का गहन अनुभव, 230 से अधिक मास्टर कारीगरों द्वारा भारत की शिल्प कला को प्रदर्शित करेगा.
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री शेखावत ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों के पारंपरिक भोजन स्टाल्स के माध्यम से भारतीय व्यंजनों का स्वाद, 14,630 से अधिक सांस्कृतिक कलाकारों की रंगारंग प्रस्तुतियां और विभिन्न गतिविधियों व प्रतियोगिताओं में सहभागिता का अवसर मिलेगा. केंद्रीय मंत्री ने मीडिया से आग्रह किया कि वे कुंभ के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता को विश्व के सामने प्रस्तुत करें. उन्होंने यह भी बताया कि भारत की 10 क्षेत्रीय भाषाओं में मार्गदर्शन के लिए टोल फ्री नंबर 1800111363 शुरू किया गया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुंभ में आने वाले श्रद्धालु अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे स्थलों की यात्रा कर सकें, इसके लिए ‘हवाई यात्रा’ की व्यवस्था की गई है.कलाग्राम में देश भर के कोने-कोने से आए कलाकारों, शिल्पकारों एवं कलाविदों को उनकी असाधारण प्रतिभा एवं चिरकालिक परम्पराओं को प्रदर्शित करने के लिए एक ही छत के नीचे लाने का प्रयास किया गया है, जहां प्रदर्शन, दृश्य एवं साहित्यिक कलाओं के लिए एक ही स्थान पर मंच प्रदान किया गया है. महाकुम्भ के 45 दिनों में, कलाग्राम, गंगावतरण एवं समुद्र मंथन की कथा का वर्णन करने वाले अनुभव क्षेत्रों, महाकुम्भ के विभिन्न पहलुओं को समाहित करने वाले प्रदर्शनी क्षेत्रों, कारीगरों के कौशल, शास्त्रीय एवं लोक कलाकारों के मंत्रमुग्धकारी प्रदर्शन, सात्विक व्यंजनों की सुगंध, एवं यहाँ तक कि विशेष खगोल रात्रि के माध्यम से रात्रि के आकाश का अवलोकन करने के अवसर के माध्यम से एक गहन सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करेगा. यहां बच्चों, युवाओं के लिए सेल्फी पांइट भी बनाया गया है. कलाग्राम का उद्देश्य भारतीय लोक कला, संस्कृति और परंपराओं को जीवंत मंच प्रदान करना है. कलाग्राम मंच, चार धाम को अपनी पृष्ठभूमि के रूप में जीवन्त करता है. इसमें राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कलाकारों द्वारा निर्मित दो विशाल पट्टचित्र मां दुर्गा एवं गणपति की कथा का वर्णन किया गया है.