कादीपुर: “साहित्य ,समाज और शिक्षा तीनों क्षेत्रों में मथुरा प्रसाद सिंह जटायु ने अमिट छाप छोड़ी है. भाषा और छंदों पर उनकी पकड़ मजबूत है. जटायु लोक मर्मज्ञ कवि हैं उनकी रचनाओं का सही मूल्यांकन अभी बाकी है.” यह बात लोकभूषण आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप ने कहीं. वे मथुरा प्रसाद सिंह जटायु के 72वें जन्मदिन पर कौण्डिन्य साहित्य सेवा समिति द्वारा सेंट्रल पब्लिक स्कूल दौलतपुर में आयोजित साहित्य दिवस समारोह में बतौर अध्यक्ष बोल रहे थे. कार्यक्रम में आगंतुकों का स्वागत ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि और संचालन कार्यक्रम संयोजक डा सुशील कुमार पाण्डेय साहित्येन्दु ने किया. आभार ज्ञापन स्कूल प्रबंधक डा अरुण कुमार तिवारी ने किया. समारोह में विजय शंकर मिश्र की दो पुस्तक ‘यक्षप्रिया‘ और ‘सुनो भाई साधो‘ का लोकार्पण हुआ. इसी के साथ प्रतापगढ़ के शिक्षक और साहित्यकार अम्बिका प्रसाद सिंह को श्रद्धांजलि दी गई.
समारोह में डा राम प्यारे प्रजापति, दिनेश प्रताप सिंह चित्रेश, श्रीनारायण लाल श्रीश, सुभाषचंद्र यादव परदेसी, डा करुणेश भट्ट, अवनीश पाण्डेय, सर्वेश कांत वर्मा आदि ने विचार व्यक्त किए. समारोह में लोकभूषण डा आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप व आशुकवि मथुरा प्रसाद सिंह जटायु को हिंदी साहित्य संवर्धन व गिरिजा शंकर राय को शिक्षा प्रसार हेतु अम्बिका प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान से नवाजा भी गया. प्राथमिक विद्यालय की शिक्षक कांति सिंह व वंदना यादव को शिक्षा उन्नयन के लिए कृष्ण प्रसाद यादव स्मृति सम्मान, डा कल्पना को नारी संवर्धन क्षेत्र में नारी गरिमा सम्मान, प्रो सिकंदर लाल को संस्कृत संवर्धन के लिए आदिकवि वाल्मीकि सम्मान, लाल बिहारी पाण्डेय को समाजसेवा व प्रेमनाथ सिंह चंदेल को शिक्षा प्रसार हेतु काशी प्रसाद पाण्डेय स्मृति सम्मान, बृजेश कुमार वर्मा को शिक्षा प्रसार व डा अरुण कुमार तिवारी को उच्च शिक्षा के लिए राम चरित्र मिश्र स्मृति सम्मान और डा अरुण कुमार आर्य को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मान बहादुर सिंह स्मृति सम्मान दिया गया. सभी को संस्था से सम्मान पत्र, अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह व पुष्पमाला दी गई.