नई दिल्ली – इंडियन थियेटर का सालाना अवार्ड और फेस्टिवल गाला — महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स (मेटा ) – का आयोजन 23 से 29 मार्च, 2023 तक होगा| महिंद्रा ग्रुप द्वारा स्थापित, इस फेस्टिवल में 13 भिन्न श्रेणियों में चयनित 10 श्रेष्ठ नाटकों का मंचन देश की राजधानी में होगा और थिएटर की बेहतरीन प्रतिभाओं को 29 मार्च 2023 को कमानी ऑडिटोरियम, नई दिल्ली में सम्मानित किया जायेगा| इस अवसर पर थियेटर की प्रसिद्ध हस्तियाँ उपस्थित रहेंगी|
वर्ष 2023 के लिए, महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, असम, मणिपुर और राजस्थान सहित समस्त भारत से 395 आवेदन प्राप्त हुए| फेस्टिवल की विविधता को ध्यान में रखते हुए इनमें से 10 श्रेष्ठ नाटकों का चयन किया गया| चयनित नाटक असमी, अंग्रेजी, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, मारवाड़ी और तमिल सहित अन्य भाषाओं से हैं|
मेटा 2023 के नॉमिनेटेड टॉप 10 नाटक हैं: बर्न आउट, चाय गरम, दक्लाकथा देविकाव्या, हुंकारो, नमक, लावणी के रंग, नोशन(स): इन बिटवीन यू एंड मी, नूरनामा: बिरयानी दरबार, द डिपार्टेड डौन और वाया सावरगांव खुर्द |
फेस्टिवल में कुछ ऐसे विषयों को भी प्रस्तुत किया जाएगा जो जीवन में आशा और दृढ़ता को व्यक्त करते हैं जैसे पारम्परिक कला और मातृसत्तात्मक लाव्नो समुदाय को खोजती तीन कहानियां; ब्रिटिश राज में जीवन के लिए संघर्ष करते चाय आदिवासी; वैश्विक शरणार्थी संकट, तिब्बती और भूटानी समुदाय के संदर्भ में; मानवीय मनोविज्ञान की कहानी; प्यार, समर्पण, धोखे और बदले के बीच की महीन रेखाएं; एक महिला का अंदरूनी संघर्ष, बाहरी और आंतरिक दुनिया के साथ उसका संबंध; दलित समुदाय के शोषण की कहानियां; ग्रामीण राजनीति, सामाजिक हालात, निजी और शारीरिक संबंध, द्वेष और शत्रुता; भोजन की राजनीति और ट्रांसजेंडर लोगों के जीवन में उसकी महत्ता; इन नाटकों में बहुत से जरूरी विषय एक साथ उपस्थित हैं|
मेटा सचिव के साथ, सिलेक्शन कमिटी ने भी सभी 395 नाटकों को देखकर ये चुनाव किया है| इस साल की कमिटी में शामिल हैं: नाटककार, लेखक और सीगल बुक्स के भूतपूर्व संपादक, अंजुम कात्याल; अकादमिक, अभिनेता, डायरेक्टर और स्टेज क्रिटिक केवल अरोड़ा; पुरस्कृत अभिनेत्री नीना कुलकर्णी; थिएटर डायरेक्टर और आईटीएफओके के भूतपूर्व आर्टिस्टिक डायरेक्टर, संकर वेंकटेस्वरण और नाटककार और थिएटर क्रिटिक विक्रम फुकन|
एक कला के रूप में थिएटर के संरक्षण पर, केवल अरोड़ा ने कहा, “70 के दशक में बहुत सी रुकावटें उत्पन्न हुईं … फिर स्वतंत्रता-पश्चात् के थिएटर के साथ ये सवाल भी सर उठाने लगा कि क्या समकालीनता की तलाश में हम परम्परा को साइड करते जा रहे हैं| मेरी चिंता का मुख्य विषय है कि अगर हम थिएटर का संरक्षण इसके परम्परागत रूप में करें तो ये कहीं म्यूजियम में रखी कलाकृति बनकर न रह जाए| कुछ ऐसी चीज जो जीवित तो होगी, लेकिन उसकी सांसें नहीं चल रही होंगी| साथ ही थिएटर से जीविका का प्रश्न भी जुड़ा रहता है; कई ऐसे परिवार हैं जो सदियों से इससे जुड़े हुए हैं| क्या समकालीनता के नाम पर कला खुद का नवीनीकरण करती है – ऐसे ही कई सवाल हैं जो भारत में थिएटर के संरक्षण के साथ उठते हैं| मेटा 2023 के कई आवेदन ऐसे ही सवालों का जवाब देते दिखाई पड़ते हैं| वो परम्परा को समकालीनता के नजरिये से देख रहे हैं|“
मेटा 2023 के नाटकों की विविधता पर बात करते हुए, नीना कुलकर्णी ने कहा, “भारत की उत्तरी से पूर्वी सीमा तक, जैसे असम, मणिपुर और ओडिशा, मैंने आज तक ऐसा थिएटर नहीं देखा था| ऐसे नाटकों को देखना सुखद है| इस साल फेस्टिवल देश की विविधता और संयुक्ता का ही जश्न मना रहा है| इस साल आपको इतिहास, पुराण, नए प्रयोग, महिला सशक्तिकरण, हास्य के रंग देखने को मिलेंगे| भारत के रंगमंच में भी उतनी ही विविधता है, जितनी कि इस देश में देखने को मिलती है|“
भारत में थिएटर के प्रति अपने नजरिये को बयां करते हुए अंजुम कात्याल ने कहा, “थिएटर के प्रति मेरा नजरिया उदार और समावेशी होगा| एक ऐसी जगह जहाँ आपको भिन्न जुबानें, शैली, और अभिव्यक्ति देखने को मिलती है| महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड जैसा सम्मान इस क्षेत्र की प्रतिभाओं के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है|“ इसी भाव को व्यक्त करते हुए संकर वेंकटेस्वरण ने कहा, “इंडियन थिएटर को अपनी मौलिकता बरक़रार रखते हुए नवीनता को अपनाना होगा| मेटा जैसा प्लेटफार्म एक ऐसी दिशा उपलब्ध कराता है, जो समस्त थिएटर कम्युनिटी के लिए बहुत खास है|“
मेटा 2023 की चयन प्रक्रिया की बात करते हुए, नाटककार और स्टेज क्रिटिक विक्रम फुकन ने कहा, “चयन प्रक्रिया में, हमने समावेशिता और भिन्न प्रकार के अनुभवों पर जोर दिया| कुछ नाटकों में आपको सरप्राइज पैकेज भी मिलेगा कि उन्होंने किस तरह से अपनी दक्षता को और निखारा है|“
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के वाईस प्रेसिडेंट, हेड-कल्चरल आउटरीच, जय शाह ने कहा, “महिंद्रा ग्रुप के विविधता और समावेशिता के संकल्प को पूरा करते हुए मेटा 2023 ने विभिन्न भाषाओँ, विषयों और विधाओं को समाहित किया है| हमें गर्व है कि 4 दिनों की कड़ी निगरानी और चर्चाओं के बाद हमने 10 ऐसे नाटकों का चयन किया है जो दुनिया की सबसे प्राचीनतम कला को उसके श्रेष्ठ रूप में अभिव्यक्त करेंगे|“
टीमवर्क्स आर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर, संजॉय के. रॉय ने कहा, “मेटा 2023 की सिलेक्शन कमिटी ने अंग्रेज़ी, बंगाली, मराठी, मलयालम, मणिपुरी, असमी, कन्नड़ और हिंदुस्तानी भाषाओं से आए श्रेष्ठ नाटकों का चयन किया है| 23 से 29 मार्च को दिल्ली में इस फेस्टिवल के आयोजन को लेकर हम खासे उत्साहित हैं|“ फेस्टिवल के पूरे शेड्यूल और ज्यूरी की घोषणा जल्द की जाएगी|
नॉमिनेटेड प्रोडक्शंस:
- बर्न आउट: बर्नाली मेधी द्वारा निर्देशित और परदम ट्रस्ट द्वारा प्रोड्यूस (दिल्ली, 1 घंटा, असमी)
- चाय गरम: साहिदुल हक़ द्वारा निर्देशित और आर्किड थिएटर द्वारा प्रोड्यूस (नागांव {असम}, 1 घंटा 20 मिनट, असमी/बगानिया/गिब्रिश)
- दक्लाकथा देविकाव्या: लक्ष्मण के पी द्वारा निर्देशित और जंगमा कलेक्टिव द्वारा प्रोड्यूस (बंगलुरु {कर्नाटक}, 1 घंटा 40 मिनट, कन्नड़)
- हुंकारो: मोहित तकलकर द्वारा निर्देशित और उजागर ड्रामेटिक एसोसिएशन द्वारा प्रोड्यूस (जयपुर {राजस्थान}, 1 घंटा 30 मिनट, मारवाड़ी/हिंदी/अवधी/हरियाणवी)
- नमक: श्रीनिवास बीसेट्टी द्वारा निर्देशित और रंगशंकरा द्वारा प्रोड्यूस (बैंगलोर {कर्नाटक} 30 मिनट, हिंदी)
- लावणी के रंग: भूषण कोरगांवकर द्वारा निर्देशित और बी स्पॉट प्रोडक्शन द्वारा प्रोड्यूस (मुंबई {महाराष्ट्र}, 1 घंटा 30 मिनट, हिंदी/मराठी)
- नोशन(स): इन बिटवीन यू एंड मी: सविता रानी द्वारा निर्देशित और सेरेनडिपिटी आर्ट्स फाउंडेशन व सविता रानी द्वारा प्रोड्यूस (दिल्ली, 1 घंटा, अंग्रेजी)
- नूरनामा: बिरियानी दरबार: सृजिथ सुंदरम द्वारा निर्देशित और कत्तियाक्कारी/ सृजिथ सुंदरम द्वारा प्रोड्यूस (चेन्नई {तमिलनाडु}, 1 घंटा, तमिल)
- द डिपार्टेड डौन: विक्टर थौदम और बिमल सुबेदी द्वारा निर्देशित और अशोका थिएटर/सेरेनडिपिटी आर्ट्स द्वारा प्रोड्यूस (इम्फाल {मणिपुर}, 58 मिनट, अमौखिक)
- वाया सावरगांव खुर्द: सुयोग देशपांडे द्वारा निर्देशित और आसक्त कलामंच द्वारा प्रोड्यूस (पुणे {महाराष्ट्र}, 1 घंटा 36 मिनट, मराठी)