नई दिल्ली: देश भर में रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाई गई. हर साल शरद पूर्णिमा अर्थात अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाई जाती है. इसे उनके प्रकट दिवस के नाम से भी जाना जाता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी राष्ट्र को वाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किया- “देशवासियों को वाल्मीकि जयंती की अनंत शुभकामनाएं. सामाजिक समानता और सद्भावना से जुड़े उनके अनमोल विचार आज भी भारतीय समाज को सिंचित कर रहे हैं. मानवता के अपने संदेशों के माध्यम से वे युगों-युगों तक हमारी सभ्यता और संस्कृति की अमूल्य धरोहर बने रहेंगे.”
उधर पंचकूला में महर्षि वाल्मीकि जयंती पर आयोजित समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण लिखी थी और आज भगवान रामचंद्र को हम जानते हैं. भगवान रामचंद्र ने जो मर्यादा रखी, उनकी जानकारी हमें महर्षि वाल्मीकि की लिखी रामायण से मिलती है. इसलिए यह अवसर विशेष है. इस समारोह में पहुंचे लोगों का मैं सम्मान करता हूं. उन्होंने कहा कि डा भीमराव अंबेडकर संविधान निर्माता हैं और उन्होंने दलित समाज को कैसे मजबूती प्रदान की और कमजोर को आगे बढ़ाने के लिए आरक्षण का प्रावधान किया. आरक्षण एक सहारा है, उनके लिए जो वंचित रह गया है, वो आगे बढ़ सके. देश की आजादी के बाद गरीबों के उत्थान पर ध्यान नहीं दिया गया केवल नारे दिए गए. अब इस दिशा में काम हो रहा है.