मुंबईः भारत विविधताओं से भरा देश है- जहां संस्कृतियां, धर्म और भाषाएं एक दूसरे की पूरक हैं. इसकी विविधता ही इसकी शक्ति और विशिष्टता है. हमारा मानना है कि सभी भारतीय भाषाओं के साहित्य के संवर्धन से हमारी सांस्कृतिक विविधता और सुदृढ़ होगी. हमने ‘बैंक ऑफ़ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान’ की शुरुआत भारतीय भाषाओं के मूल साहित्य और उनके हिंदी अनुवाद को सम्मानित और प्रोत्साहित करने हेतु की है.” बैंक ऑफ़ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजीव चड्ढा ने यह बात बैंक ऑफ़ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान 2023 हेतु नामित 12 उपन्यासों की लॉन्गलिस्ट जारी करते हुए कही. सम्मान के पांच सदस्यीय निर्णायक मंडल की अध्यक्ष इंटरनेशनल बुकर पुरस्कार से सम्मानित लेखिका गीतांजलि श्री हैं. अन्य सदस्यों में कवि अरुण कमल, इतिहासकार पुष्पेश पंत, कवयित्री अनामिका और अनुवादक प्रभात रंजन शामिल हैं.
लॉन्गलिस्ट में चयनित कृतियों में ओड़िया लेखिका पारमिता शतपथी का उपन्यास ‘अभिप्रेत काल’, अनुवादक अजय कुमार पटनायक, उर्दू लेखक मोहसिन खान का ‘अल्लाह मियां का कारखाना’, अनुवादक सईद अहमद, पंजाबी लेखक रूप सिंह का ‘बाकी सफ़ा 5 ते’, अनुवादक सुभाष नीरव, उर्दू लेखक सिद्दीक आलम का चीनी कोठी, अनुवादक अर्जुमंद आरा, उर्दू लेखक खालिद जावेद का उपन्यास ‘एक खंजर पानी में’, अनुवादक रिजवानुल हक, खालिद जावेद का ही अन्य उपन्यास ‘नेमत खाना’, अनुवादक जमान तारिक, नेपाली लेखक छुदेन काविमो का उपन्यास ‘फात्सुंग’, अनुवादक नम्रता चतुर्वेदी, बंगाली लेखक मनोरंजन ब्यापारी का उपन्यास ‘घर पलानो छेले’, अनुवादक अमृता बेरा, बंगाली लेखक अनिता अग्निहोत्री का उपन्यास ‘महानदी’, अनुवादक लिपिका साहा, मराठी लेखक मनोज बोरगावकर का ‘नदीष्ट’, अनुवादक गोरख थोरात, तमिल लेखक वासंती का ‘पोईमुगम’, अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा और तमिल लेखक वासंती का ही ‘थिरक्काथा जन्नालकल’, अनुवादक एस भाग्यम शर्मा शामिल हैं.