बेगूसराय: “किसी देश की संस्कृति और सभ्यता को जानने के लिए वहां के साहित्य का सम्पूर्ण रूप से अध्ययन आवश्यक होता है. साहित्य- देशजातिव्यक्ति के विकास का स्रोत हैजिसे काव्य धारा द्वारा जीवंत किया जा सकता है. कवि एक ओर आनंद की हिलोरें मारकर अपनी रचनाओं का रस मन-मस्तिष्क तक पहुंचाते हैंवहीं कविताएं मानव को कुछ क्षणों के लिए तनाव-मुक्त भी करती हैं.” यह बात बरौनी स्थिति रिफाइनरी में सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत आफिसर क्लब में आयोजित भव्य कवि-गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख आरके झा ने कही.

झा ने कहा कि आज के इस प्रतियोगिता भरे दौर में हर मानव कहीं ना कहीं तनावग्रस्त दिखता है और यही हमारी जीवन शैली बनती जा रही है. हास-परिहास प्रसन्नता की एक सरल और सहज अभिव्यक्ति हैजिसे बड़ी आसानी से समाज के हर तबके के लोग समझ सकते हैं. इस कवि गोष्ठी में कविता पाठ के लिए लेखककवि और साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार से सम्मानित नीलोत्पल मृणाल को आमंत्रित किया गया था. अशांत भोला एवं प्रफुल्ल चंद्र मिश्रा ने उनका साथ दिया. कवियों की इस तिकड़ी ने अपनी मनमोहक रचनाओं से दर्शकों को मंत्र-मुग्ध कर दिया. इस अवसर पर बरौनी रिफाइनरी के वरिष्ठ अधिकारीकर्मचारीआफिसर एसोसिएसन के प्रतिनिधि एवं बीटीएमयू के प्रतिनिधि सहित बड़े संख्या में कविता-प्रेमी कर्मचारी और उनका परिवार उपस्थित था.