नवादा: साहित्य साधना निरंतर चलती रहनी चाहिए तथा कलमकार को विनम्र होना चाहिए. युवा कवि एवं साहित्यकारों को प्रोत्साहित करते हुए यह बात राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल ने कही. वह स्थानीय टाउन हाल में आयोजित राष्ट्रीय कवि संगम के पंचम प्रांतीय अधिवेशन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि मेरी कवि संगम की यात्रा निरंतर है. मैं बैठता हूं तो थक जाता हूं. इसलिए आप युवाओं पर अब सारा दारोमदार है. प्रांतीय अध्यक्ष प्रभाकर कुमार राय ने कहा कि राष्ट्रीय कवि संगम अब गांव की ओर बढ़ेगा तथा कवि एवं साहित्यकारों की फौज तैयार करने पर जोर रहेगा. कलम की सतत निरंतरता राष्ट्रीय कवि संगम का मूल उद्देश्य है. संगम के पंचम प्रांतीय अधिवेशन का भव्य शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया. दीप प्रज्जवलन के बाद कवि दयानंद गुप्ता ने वंदे मातरम से शुरुआत की जबकि संरक्षक उत्पल भारद्वाज ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया. मंच संचालन कर रहे प्रो रतन कुमार मिश्रा ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. इसके बाद सभी अतिथियों का स्वागत किया गया. विशिष्ट अतिथि एसबीआई के नवादा शाखा प्रबंधक अनूप कुमार वर्माप्रांतीय सलाहकार अविनाश कुमार पांडेयपूर्व जिला अध्यक्ष वीणा मिश्रा आदि को प्रांतीय अध्यक्ष प्रभाकर कुमार राय एवं जिला अध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमारसचिव नितेश कपूर व संरक्षक उत्पल भारद्वाज ने अंग वस्त्र एवं दिनकर का प्रतीक चिह्न आदि देकर सम्मानित किया.

समारोह में विभिन्न जिलों से आए हुए कवियों का अभिनंदन राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल ने किया. इस मौके पर जिलाध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय कवि संगम के व्यापक विस्तार में कोई कोर-कसर नहीं रखी जाएगी. उन्होंने इस कार्य में जुटे सभी साथियों का उत्साहवर्धन किया. अधिवेशन सत्र में विभिन्न जिलों से आए कवि संगम के पदाधिकारियों ने जिला-वृत्त प्रस्तुत किया. मौके पर जिला इकाई के संरक्षक प्रो देवेंद्र कुमार सिन्हा आदि की भी सक्रिय भागीदारी रही. इस अवसर पर शाम को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गयाजो देर रात तक जारी रहा. देश के नामचीन कवियों ने खूब समां बांधा. वीर रस के कवि अर्जुन सिसोदिया और वीर रस की ही कवयित्री प्रियंका ओम नंदिनी ने जहां सभी में जोश भर दिया वहीं जानी बैरागी और शंभू शिखर ने हास्य-व्यंग्य की झड़ी लगा कर सभी को विभोर कर दिया. शृंगार रस की कवयित्री मणिका दुबे ने अपनी प्रस्तुति से सबका मन मोहा. सभी कवियों ने एक से बढ़कर एक दमदार प्रस्तुति से श्रोताओं को आनंदित किया और नवादावासी काव्य धारा के सागर में देर रात तक गोते लगाते रहे.