नई दिल्ली: विश्व पुस्तक मेले के दौरान साहित्यिक गतिविधियां अपने चरम पर हैं. थीम पवेलियन में ‘संघर्ष में नेतृत्व: नेताजी, आजाद हिंद सरकार और सैन्य परिप्रेक्ष्य’ सत्र संपन्न हुआ. इस सत्र में अपने विचार रखते हुए रक्षा विशेषज्ञ एवं पूर्व रा अधिकारी और लेखक कर्नल आरएसएन सिंह ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदानों का उल्लेख करते हुए बताया कि आजाद हिंद फौज द्वारा अपने कार्यों से देश की स्वतंत्रता संग्राम में लगे क्रांतिकारियों को प्रेरित किया. आजादी हिंद फौज विश्व की एक ऐसी सेना का उदाहरण है जिसने हार कर भी देश की आजादी में अहम योगदान दिया. इस अवसर पर कपिल कुमार ने बताया कि किस प्रकार से आजादी हिंद फौज के सैनिकों को यातनाएं सहनी पड़ीं. उन्होंने कहा कि विश्व के अनेक देशों के पास नेताजी से जुड़े अहम दस्तावेजों में उनके साहस और वीरता के साथ नेतृत्व क्षमता का परिचय मिलता है. इसी थीम मंडप तकनीकी नवाचार और बहुभाषी भारत पर आयोजित सत्र में भाषिनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ नाग, लेखक और माइक्रोसॉफ्ट स्पोक्सपर्सन आन इंडियन लेंग्वेज टेक्नोलाजिक्स के बालेंदु शर्मा और आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर अर्जुन ने अपने विचार रखे. समाज के सभी वर्गों विशेषकर दिव्यांगों तक साहित्य को पहुंचाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग और क्षेत्रीय भाषाओं के अनुवाद को सुगम बनाने के लिए अनुवाद एप्लिकेशन पर जोर दिया गया. इस सत्र में क्षेत्रीय भाषाओं के लिए फोंट, यूनिकोड की बोर्ड, टाइपिंग नवाचार जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई.

उधर राजकमल प्रकाशन समूह के स्टाल जलसाघर में ‘भविष्य के पाठक’ विषय पर परिचर्चा हुई. प्रज्ञा के उपन्यास ‘काँधों पर घर’ और अंकिता आनंद के कविता संग्रह ‘अब मेरी बारी’ का लोकार्पण हुआ. संघर्ष नर्मदा का, अगम बहै दरियाव और रहमानखेड़ा का बाघ जैसी किताबों पर बातचीत हुई, तो लेखक मिलिए कार्यक्रम में कथाकार चन्द्रकान्ता ने पाठकों से संवाद किया. ‘लेखक से मिलिए’ सत्र में वरिष्ठ कथाकार मैत्रेयी पुष्पा से संवाद हुआ. इसके बाद सानेट मंडल के कविता संग्रह ‘लौटती दोपहरें’; नासिरा शर्मा के कहानी संग्रह ‘सुनहरी उंगलियां’; अदनान कफ़ील दरवेश के कविता संग्रह ‘नीली बयाज’ और चंचल चौहान की किताब ‘साहित्य का दलित सौंदर्यशास्त्र’ का लोकार्पण हुआ, तो बलजिन्दर नसराली के पंजाबी भाषा से अनूदित उपन्यास ‘अम्बर परियाँ’ पर बातचीत हुई. वाणी प्रकाशन समूह के स्टाल पर ‘वाणी साहित्य-उत्सव’ में कवि व पत्रकार प्रियदर्शन ने वरिष्ठ कवयित्री सुमन केशरी से उनके कविता-संग्रह ‘निमित्त नहीं’ संवाद किया, तो दिव्या माथुर की किताबों ‘इक सफ़र साथ-साथ’, ‘शाम भर बातें’, ‘तिलिस्म’ पर परिचर्चा के अलावा आलोचक प्रवीण कुमार झा, शंभुनाथ, अजित राय, गरिमा श्रीवास्तव और भगवानदास मोरवाल की पुस्तकों के लोकार्पण व परिचर्चा हुई. इस अवसर पर प्रो जितेन्द्र श्रीवास्तव, प्रो सत्यकेतु सांकृत, अनिल जोशी, प्रत्यक्षा आदि उपस्थित थे.