कला केंद्र कुल्लू में रंग आजादी नाट्योत्सव के तहत स्वतंत्रता सेनानी की शौर्यागाथा को किया बयां

संवाद सहयोगी, कुल्लू : कला केंद्र कुल्लू में आयोजित रंग आजादी नाट्योत्सव के तीसरे दिन निरमंड क्षेत्र के दरमोट गांव के स्वतंत्रता सेनानी श्यामानंद पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। आरती ठाकुर की ओर से लिखित व निर्देशित इस नाटक को बहिरंग थियेटर ग्रुप कुल्लू व लाहुल स्पीति के नन्हें कलाकारों ने श्यामानंद के जीवन की यात्रा को नाटक के माध्यम से जीवंत किया। उनके बलिदान और संघर्ष के साथ-साथ समाज के लिए अभूतपूर्व योगदान बारे भी अवगत करवाया।

रामपुर बुशैहर में मिडल की पढ़ाई पूरी करने के बाद श्यामानंद की वन रक्षक के पद पर तैनाती हुई। लेकिन अंग्रेज अधिकारी डीएफओ के खराब व्यवहार के कारण नौकरी छोड़ दी। बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से फिर अपने क्षेत्र में स्कूल खोला। महात्मा गांधी के कई आंदोलनों में भी श्यामानंद ने सक्रिय भूमिका निभाई, साथ ही लोगों को ब्रिटिश सरकार की गलत नीतियों के बारे में भी जागरूक करना शुरू किया।

श्यामानंद का यह प्रयास रंग लाया और एक साल बाद उनके क्षेत्र के लोगों ने ब्रिटिश सरकार को कर नहीं दिया। अंग्रेजों के खिलाफ चलाए उनके इन आंदोलनों के चलते कई बार उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। लेकिन आजादी के बाद श्यामानंद को स्वतंत्रता सेनानी के रूप में पेंशन तक नहीं दी गई, इसके लिए उन्होंने सरकारी कार्यालयों के कई चक्कर काटे। 1989 में इस स्वतंत्रता सेनानी की मृत्यु हो गई।

नाटक के माध्यम से जहां कलाकारों ने स्वतंत्रता सेनानी श्यामानंद के जीवन, उनके संघर्ष को बयां किया। वहीं, आजादी के बाद उन्हें पेंशन के लिए दर-दर भटकने की कहानी को भी बखूबी बताया। कलाकारों ने श्यामानंद के चरित्र का भावपूर्ण मंचन कर दर्शकों को भाव-विभोर किया।

नाटक में आंकाक्षा, रागिनी, वैशाली, दुर्गा, भावना, श्रद्धा, राधा, अंजली, सानिध्य, राहुल, सत्यम, अक्षित, सतीश, यथार्थ व वंदना ने प्रस्तुति दी। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला, भाषा एवं संस्कृति विभाग कुल्लू व एक्टिव मोनाल कल्चरल एसोसिएशन कुल्लू की ओर से संस्कार भारती हिमाचल प्रांत के संयुक्त तत्वावधान में कलाकेंद्र कुल्लू में चार दिवसीय नाट्योत्सव का आयोजन किया जा रहा है।