एक सफल उद्यमी की जीवन यात्रा
कन्हैया झा
कहा जाता है कि एक सफल उद्यमी वही हो सकता है जिसमें जोखिम उठाने की हिम्मत हो और उसके भीतर सृजन करने की अकुलाहट हो। एक सच्चा उद्यमी मौलिक चिंतक भी होता है। वह समस्याओं को सुलझाता है और गुणवत्ता में वृद्धि करता है। उसमें दूरदर्शिता होती है और वह श्रेष्ठता पर ध्यान देता है। इन्हीं सब गुणों से ओत-प्रोत रहे देश के जाने माने उद्यमी जय करण शर्मा भले ही हरियाणा के एक गांव में सामान्य किसान परिवार में पैदा हुए, परंतु अपनी उद्यमिता के बूते उन्होंने ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में एक खास मुकाम हासिल किया। यही कारण है कि उन्हें “मैन आफ लाजिस्टिक्स” के रूप में जाना जाता है। पुस्तक के लेखक मधुरेंद्र सिन्हा ने लेखन के क्रम में जय करण से जुड़े दो सौ से अधिक लोगों से मुलाकात की और उनसे संबंधों के बारे में निकटता से समझा। इस कार्य में जय करण के तीनों पुत्रों का भी भरपूर योगदान रहा, बल्कि कहा जाना चाहिए कि उनके ही योगदान से पाठकों को अधिकतम सटीक जानकारी पहुंचाई जा सकी है। तमाम लोगों से हुए साक्षात्कार के उपरांत पुस्तक लिखे जाने से इसकी विश्सनीयता स्वाभाविक रूप से तुलनात्मक रूप से अधिक है। एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में लंबे समय तक काम करने के बाद जय करण शर्मा ने अपनी कंपनी बनाई जिसका नाम उन्होंने चेतक समूह रखा। उदयपुर में जब उन्होंने महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक को देखा तो वहीं से उनके मन में यह नाम रखने का विचार आया कि कंपनी का नाम ऐसा रखा जाए जो बिना थके, बिना रुके दौड़ती रहे। पुस्तक में ऐसे अनेक तथ्य आपको मिलेंगे। लेखक ने यह दर्शाने का प्रयास किया है कि जय करण शर्मा ने अपना जीवन किस प्रकार से जिया, कैसे सभी से आजीवन संबंध बनाए रखा, कैसे दोस्ती कायम रखी और कैसे चुनौतियों का सामना किया। कारोबारी रणनीति कैसे बनाई जाए और उत्पाद की गुणवत्ता को कायम रखते हुए बाजार से लाभ और सम्मान कैसे अर्जित किया जा सकता है, इसे समझने के लिए भी यह पुस्तक बेहद उपयोगी साबित है। उद्यमिता के क्षेत्र में प्रवेश करने वालों के लिए यह पुस्तक विशेष रूप से उपयोगी साबित हो सकती है।
पुस्तक : कर्मयोद्धा जय करण : मैन आफ लाजिस्टिक्स की प्रेरकगाथा
लेखक : मधुरेंद्र सिन्हा
प्रकाशक : प्रभात पेपरबैक्स मूल्य : 350 रुपये