गाजीपुर: मानसिक स्वास्थ्य दुनिया भर में एक बड़ी चिंता का विषय है और भारत भी इसे साझा करने में पीछे नहीं है. फिर भी इसे लेकर लोगों में जागरुकता का अभाव है. इस दिशा में ग्रामीण लोगों के साथ-साथ पढ़ा-लिखा तबका भी जागरूक हो सके, इसको ध्यान में रखते हुए जनपद के स्वामी सहजानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर कंचन सिंह ने एक पुस्तक लिखी ‘मानसिक स्वास्थ्य एवं मनश्चिकित्सा‘. इसी पुस्तक का विमोचन अपने पुराने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर आए जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया. शंभू नारायण महाविद्यालय हरहरी मरदह में हुए इस कार्यक्रम के दौरान सिन्हा ने कहा कि इस पुस्तक से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का संवर्धन ही नहीं होगा बल्कि लोगों को अपने मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने की दिशा में जागरूकता बढ़ेगी.
सिन्हा ने कहा कि ऐसी पुस्तकों के आने से जहां लोगों को अपनी मानसिक स्थिति का मूल्यांकन करने में मदद मिलती है, वहीं मनोवैज्ञानिकों के प्रभावी कदम से जनमानस में सद्भावना का विकास होता है. याद रहे कि राजनीतिक इच्छाशक्ति के आह्वान और इस ओर जागरुकता बढ़ाने और सामुदायिक भागीदारी को प्रेरित करने के बाद इस समस्या से निबटने, रोकथाम बढ़ाने, शीघ्र पहचान सुनिश्चित करने और समुदाय के भीतर सरल और व्यावहारिक हस्तक्षेप को प्रोत्साहित करने के साधन के रूप में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के प्रतिमान का पता लगाना अब तेज हो गया है. आज स्वास्थ्य जागरुकता के प्रमुख लक्ष्यों के रूप में मानसिक विकारों की बढ़ती स्वीकार्यता के साथ-साथ प्राथमिक देखभाल और अन्य क्षेत्रों में सफल नई प्रौद्योगिकियों, इंटरनेट, डाटा आदि से भी लाभ हुआ है. सिंह की यह किताब गहराई से वर्तमान हालातों को रखती है. पुस्तक विमोचन अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति डा आलोक राय, पूर्व राज्य मंत्री विजय मिश्रा तथा पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.