नई दिल्ली: व्यंग्यकार लालित्य ललित के चुनिंदा व्यंग्य संग्रह का लोकार्पण और इस पर एक विचार गोष्ठी संपन्न हुई. इस कार्यक्रम में अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए प्रोफेसर राजेश कुमार ने कहा कि लालित्य ललित के व्यंग्य परिपाटी से हटकर लिखते हैं. उन्होंने एक नई व्यंग्य शैली की रचना की है. लालित्य ललित सामान्य जीवन के विषयों को उठाकर गंभीर वैचारिक व्यंग्य की रचना करते हुए समाज में फैली विकृतियों को उद्घाटित करने के साथ ही पाठकों के लिए रोचक सामग्री प्रस्तुत करते हैं. इस अवसर पर स्वतंत्र प्रकाशन समूह के निदेशक सुशील स्वतंत्र ने कहा कि ‘लालित्य ललित के चुनिंदा व्यंग्य‘ पुस्तक इसलिए विशिष्ट है कि इसमें रचनाकार के श्रेष्ठ व्यंग्य का संचयन भारती ने शोध परक दृष्टि से प्रस्तुत किया है. हिमाचल के पूर्व आईएएस अधिकारी केआर भारती ने कहा कि लालित्य ललित की रचनाओं की गहन संवेदना उनकी नई दृष्टि के साथ मिलकर अभूतपूर्व व्यंग्य की रचना करती है. सोलन के व्यंग्यकार अशोक गौतम ने कहा कि लालित्य ललित समाज की गहरी विसंगतियों को अपनी रचनाओं का विषय बनाकर पाठकों को वैचारिक संघर्ष के लिए मार्गदर्शन करते है.
वरिष्ठ साहित्यकार सुदर्शन वशिष्ठ ने कहा लालित्य ललित की भाषा बेहद सरल होती है जिसे वे पात्रों के माध्यम से एक सार्थक विशिष्ट रचना को प्रस्तुत करने में समर्थ होते है. उन्होंने कहा कि वे व्यंग्य रचना जैसे कठिन काम को बहुत सहजता से हासिल करने में समर्थ है. पुस्तक की संपादक एवं संचयनकर्ता भारती ने कहा लालित्य ललित की रचनाओं में हाशिए से हाशिए पर रखी गई संवेदनाओं की मार्मिक अभिव्यक्ति है. उन्होंने बताया कि ललित की रचनाओं में घटनाओं की प्रस्तुति और पात्रों की उपस्थिति रचनाओं की प्रभावत्मकता को बढ़ाती है. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीनिवास जोशी ने कहा कि लालित्य ललित सामाजिक परिप्रेक्ष्य में व्यंग्य की नई ध्वनियों को अपनी रचना में अनुस्यूत करते हैं, जिसमें कभी कभी पाठक को लगने लगता है कि शायद यह बात उसी को इंगित करके लिखी गई है. सेतु के संपादक डाक्टर देवेंद्र गुप्ता ने कहा कि लालित्य ललित एक मंझे हुए व्यंग्यकार हैं. उन्होंने कहा कि ललित के निरंतर लेखन में हालांकि मौज और मस्ती सामने दिखाई देती है, किंतु वे प्रच्छन्न रूप से हृदय को भेदने वाले व्यंग्य की रचना करते हैं. कथाकार गंगाराम राजी ने कहा कि लालित्य ललित की रचनात्मक निरंतरता पाठकों को अभूतपूर्व व्यंग्य के साथ लिए चलती है.