राजगढ़: शिरगुल देवता बैसाखी मेले में जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला सिरमौर ने बहुभाषी कवि सम्मेलन आयोजित किया. कवि सम्मेलन में एसडीएम राजगढ़ राज कुमार ठाकुर मुख्य अतिथि थे. कवि सम्मेलन में राजगढ़ उपमंडल के 15 कवियों ने भाग लिया. अध्यक्षता वरिष्ठ कवि अंजना रत्न ने की. मंच संचालन सुरेंद्र ठाकुर ने किया. कार्यक्रम का आगाज नीरज भगनाल द्वारा ‘इस जीवन में रंग कौन भरे‘ कविता से हुआ. उसके बाद नरेन्द्र चौहान ने ‘तेरी गोलती-गोलती तेरी पहाड़ी‘ रचना से लोगों को हंसने पर मजबूर कर दिया. सुशील कुमार भृगु ने ‘हाईशा ज़माना रे-हाईशा ज़माना‘ पहाड़ी रचना सुनाई, तो अजय वर्मा ने ‘सिफारिशों के तांते हैं, जिनकी चलती है वही मंच पर आते हैं‘ व्यंग्य रचना प्रस्तुत की. सुरेन्द्र शर्मा ने ‘मीनेरा अपणा-अपणा जलवा‘, मंजू शर्मा ने ‘बाठण जान‘ तथा प्रेमपाल आर्य ने पहाड़ी भाषा में शृंगार रस ‘जिंदगी रा सफर लंबा‘ कविता प्रस्तुत किया.
कवि सम्मेलन की अगली प्रस्तुति शकुन्तला प्रकाश चौहान की थी, जिन्होंने पढ़ा, ‘जिंदगी तूने हमें जीना सिखा दिया.‘ स्नेह शर्मा ने ‘नशा बच्चों के लिए मां-बाप की कुर्बानी है… ‘, तो महेन्द्र हाब्बी ने ‘हाले दिल मैं अपना बताऊं क्या‘ सुनाकर वाहवाही लूटी. यज्ञा दत्त शर्मा ने ‘सशक्त लोकतंत्र के लिए वोट देना जरूरी है… पंक्तियां प्रस्तुत की. जय प्रकाश चौहान ने ‘अध्यात्म पर तुम कब आओगे…‘ सुनाया तो तहसीलदार उमेश कुमार ने पिता को समर्पित कविता लोगों को भावुक किया. अंत में सम्मेलन की अध्यक्षता कर रही अंजना रत्न ने ‘गांव की पगडंडी‘ शीर्षक वाली कविता से कवि सम्मेलन का समापन किया. एसडीएम ने कवि सम्मेलन के आयोजन के लिए आयोजकों और कवियों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से लोगों का स्वस्थ मनोरंजन होता है. इस अवसर पर उन्होंने कवि सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया.