मीरजापुर: स्थानीय नारघाट स्थित नगर के सबसे प्राचीन पुस्तकालय लाला लाजपत राय साहित्य सदन में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, अमर बलिदानी सुखदेव थापर की जयंती मनाई गई. इस अवसर पर थापर के जीवन पर प्रकाश डालने के साथ वक्ताओं ने पठन-पाठ के उपयुक्त वातावरण पर बल दिया और रोटरी क्लब विंध्याचल ने पाठकों एवं छात्र-छात्राओं को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वाटर प्यूरीफायर की स्थापना कराई. विंध्याचल प्रवासी संस्था के अध्यक्ष सुशील झुनझुनवाला ने बताया कि यह पुस्तकालय हमारी संस्कृति और साहित्य को संजोए हुए एक अमूल्य धरोहर है. इसको संरक्षित एवं सुरक्षित रखने की आवश्यकता है.
लाला लाजपत राय साहित्य सदन पुस्तकालय में अत्यन्त पुराने दुर्लभ पुस्तकों का अदभुत संग्रह उपलब्ध है. लेकिन युवा पीढ़ी अभी इंटरनेट, सोशल मीडिया के जाल में है. अगर उसे ग्रंथालयों की ओर उन्मुख किया जाए, तो उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा. पुस्तकालय अध्यक्ष वीरेश त्रिपाठी ने बताया कि पुस्तकालय में हिन्दी, संस्कृत, उर्दू एवं बंगला साहित्य की लगभग 35 हजार से अधिक पुस्तकें उपलब्ध हैं. लाला लाजपत राय साहित्य सदन की स्थापना 1928 में बटुकनाथ अग्रवाल ने की थी, जो आज डिजिटल लाइब्रेरी के रूप में भी संचालित है.